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राम्या ने किया कारनामा, बना दी सीवर के पानी से चलने वाली बैट्री

आपने शायद ही सोचा होगा कि सीवर के पानी का भी कोई इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन अगर इनोवेशन करने की ललक खराब चीज को भी काम की चीज बना सकती है.

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फोटो साभार- Facebook
फोटो साभार- Facebook

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आपने शायद ही सोचा होगा कि सीवर के पानी का भी कोई इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन अगर इनोवेशन करने की ललक खराब चीज को भी काम की चीज बना सकती है. ऐसा ही किया आईआईटी के बायोटेक्नोलॉजी स्टूडेंट राम्या वीरूभोतला ने और उन्होंने सीवर के पानी का इस्तेमाल करके बैट्री बनाई. सुनने में ये भले ही अजीब लग रहा हो, लेकिन राम्या ने असाधारण काम को मुमकिन कर दिखाया है. बता दें कि राम्या आईआईटी से पीएचडी कर रही हैं.

राम्या ने आईआईटीकेजीपी की अपनी रिसर्च केपीआईटी स्पार्कल 2018 में पेश की है. केपीआईटी स्पार्कल 2018 एक एनुएल नेशनल डिजाइन और डवलपमेंट इनोवेशन कॉन्टेस्ट है. इस प्रतियोगिता में राम्या के प्रोजेक्ट को पहला स्थान मिला है और 10 लाख रुपये इनाम दिया गया है.

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कैसे करता है काम

आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह बैट्री सीवर के पानी से एनर्जी प्रोडक्शन करती है और इसमें बैक्टीरिया इंजेक्ट करने की आवश्यकता होती है. फिलहाल इससे कुछ माइक्रोवॉट बिजली बनाई गई है. यह बैट्री किसी भी कार्बन बेस्ट मैटेरियल से बनाई जा सकती है. इस बैट्री की खास बात ये है कि यह पेपर प्लेटफॉर्म पर बनाई गई है.

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बताया जा रहा है कि इस बैट्री का इस्तेमाल अगर बायो-इलेक्ट्रिक टॉयलेट में किया जा सकता है. इस प्रोजेक्ट के साथ ही संस्थान के अन्य टीचर भी बायो-एनर्जी पर काम कर रहे हैं.

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