सुपर 30 के बारे में आप सभी जानते होंगे. इससे निकले छात्रों की कहानियां भी उतनी ही प्रेरणादायक होती हैं जितना कि सुपर 30 का कांसेप्ट है.
सुपर 30 चलाने वाले आनंद ने पिछले हफ्ते एक लड़की की कहानी को फेसबुक पर शेयर किया था. शिवांगी नाम की ये लड़की अपने पिता के साथ अखबार और मैगजीन बेचा करती थी. पर उसने पढ़ाई का साथ कभी नहीं छोड़ा. उत्तर प्रदेश स्थित कानुपर से 60 किमी दूर देहा के सरकारी स्कूल से 12वीं करने के बाद उसने सुपर 30 के बारे में सुना और वह आनंद से मिलने पहुंची. इसके बाद आनंद ने उसे IIT-JEE के लिए तैयारी कराई. शिवांगी आनंद के परिवार का हिस्सा बन गई. वह आनंद की मां को दादी बुलाती थी और बीमार होने पर उनके पास ही सोती भी थी.
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शिवांगी ने कड़ी मेहनत से IIT-JEE क्रेक किया. आनंद कहते हैं कि जब शिवांगी IIT रुढकी के लिए जा रही थी तो उस समय आनंद का पूरा परिवार रोया था क्योंकि उनकी बेटी घर से दूर जा रही थी. आज भी शिवांगी समय मिलते ही आनंद और उनके परिवार से जरूर बात करती हैं.
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आनंद कहते हैं कि शिवांगी अब IIT से पास आउट हो चुकी हैं और उन्हें जॉब भी मिल गई है.
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