scorecardresearch
 

मेहनत करके ही मिलती है सफलता, पढ़ें अखबार बेचने वाली श‍ि‍वांगी की कहानी...

IIT-JEE क्रैक करने के लिए बच्‍चे दिन-रात पढ़ते हैं, ऐसी कहानियां तो आपने कई सुनी होंगी, पर अखबार बेचते हुए कोई लड़की इसे क्रैक कर जाए, ये आपको पता नहीं होगा. आज हम ऐसी ही लड़की शिवांगी की कहानी आपको बताने जा रहे हैं...

Advertisement
X
शिवांगी
शिवांगी

Advertisement

सुपर 30 के बारे में आप सभी जानते होंगे. इससे निकले छात्रों की कहानियां भी उतनी ही प्रेरणादायक होती हैं जितना कि सुपर 30 का कांसेप्‍ट है.

सुपर 30 चलाने वाले आनंद ने पिछले हफ्ते एक लड़की की कहानी को फेसबुक पर शेयर किया था. शिवांगी नाम की ये लड़की अपने पिता के साथ अखबार और मैगजीन बेचा करती थी. पर उसने पढ़ाई का साथ कभी नहीं छोड़ा. उत्‍तर प्रदेश स्थित कानुपर से 60 किमी दूर देहा के सरकारी स्‍कूल से 12वीं करने के बाद उसने सुपर 30 के बारे में सुना और वह आनंद से मिलने पहुंची. इसके बाद आनंद ने उसे IIT-JEE के लिए तैयारी कराई. शिवांगी आनंद के परिवार का हिस्‍सा बन गई. वह आनंद की मां को दादी बुलाती थी और बीमार होने पर उनके पास ही सोती भी थी.

Advertisement

IIT गांधीनगर के छात्रों ने बनाई गरीब बच्‍चों के लिए लाइब्रेरी

शिवांगी ने कड़ी मेहनत से IIT-JEE क्रेक किया. आनंद कहते हैं कि जब शिवांगी IIT रुढकी के लिए जा रही थी तो उस समय आनंद का पूरा परिवार रोया था क्‍योंकि उनकी बेटी घर से दूर जा रही थी. आज भी शिवांगी समय मिलते ही आनंद और उनके परिवार से जरूर बात करती हैं.

पिता चलाते हैं ऑटो, 19 वर्षीय बेटे ने Youtube देखकर बनाई अपनी कार...

आनंद कहते हैं कि शिवांगी अब IIT से पास आउट हो चुकी हैं और उन्‍हें जॉब भी मिल गई है.

आनंद की इस पोस्‍ट को आप यहां पढ़ सकते हैं .

Advertisement
Advertisement