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सेल्फ स्टडी करने वाले IIT-JEE एंट्रेंस निकालने में रहे सफल...

आईआईटी-जेईई के इस साल के ट्रेंड का विश्लेषण बताता है कि सेल्फ स्टडी करने वाले 52 फीसदी छात्रों ने एंट्रेंस एग्जाम क्रेक किया है. विश्लेषण यह भी बताता है कि आईआईटी में 75 फीसदी छात्र शहर के हैं.

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आईआईटी कोचिंग सेंटर में हर साल लाखों बच्चे आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम पास करने का सपना लिए इन कोचिंग सेंटर में एडमिशन लेते हैं. लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सेल्फ-स्टडी करने वाले छात्रों ने एग्जाम में अच्छा प्रदर्शन किया है.

इस साल आईआईटी में एडमिशन लेने वाले 10,576 छात्रों में से 5,539 छात्रों (52.4 फीसदी) ने सेल्फ स्टडी की थी. 4,711 (44.5 फीसदी) छात्र कोचिंग सेंटर गए थे. बाकी के 2 फीसदी छात्रों ने या तो प्राइवेट ट्यूशन लिया था या उन्होंने कॉरेस्‍पॉन्‍डेंट कोर्स किया.

जेईई (एडवांस) के इस साल के ट्रेंड का विश्लेषण आईआईटी गुवाहाटी ने किया है. इस साल का ट्रेंड भी यही दिखाता है कि आईआईटी में शहर के छात्रों की संख्या ज्यादा है. आईआईटी में 75 फीसदी छात्र शहर के हैं और बाकी गांव से.

यह ट्रेंड पेरेंट्स के व्यवसाय का भी विश्लेषण करता है. IITs/NITs/IIITs में एडमिशन लेने वाले 36,566 छात्रों में से 10,200 छात्रों के पेरेंट्स सरकारी नौकरी में हैं, 5,814 छात्रों के पेरेंट्स बिजनेस करते हैं, 4,097 छात्रों के पेरेंट्स प्राइवेट जॉब्स में हैं, 3,213 एग्रीकल्चर में, 2,018 पब्लिक सेक्टर में, 1,700 टीचिंग/रिसर्च में हैं. 327 छात्रों के पेरेंट्स वकील हैं, 59 के फार्मेसी सेक्टर में हैं और केवल 21 छात्रों के पेरेंट्स अर्किटेक्ट हैं.

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कोटा के आईआईटी कोचिंग सेंटर से इस बार सबसे अधिक छात्रों (1646) ने एडमिशन लिया है. इस बार सीबीएसई स्कूल के छात्रों का प्रदर्शन शानदार रहा है. आईआईटी गुवाहाटी ने पेरेंट्स की शैक्षणिक योग्यता का भी विश्लेषण किया. लगभग 1,000 पेरेंट्स अशिक्षित हैं, 5,090 मैट्रिक पास हैं, 14,619 ग्रेजुएट हैं और 8,893 पोस्ट ग्रेजुएट हैं.

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