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सबसे बड़ा साइंस प्रैक्टिकल करके भारत ने बनाया रिकॉर्ड

दिल्ली एनसीआर के 2000 स्टूडेंट्स ने 'विश्व का सबसे बड़ा साइंस प्रैक्टिकल लेसन' करके अपना नाम गिनीज बुक में दर्ज कराया है.

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दिल्ली एनसीआर के 2000 स्टूडेंट्स ने एक साथ 'विश्व का सबसे बड़ा साइंस प्रैक्टिकल लेसन' करके गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराया है.

7 दिसंबर को आईआईटी दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के दौरान एक साथ दो केमिस्ट्री प्रैक्टिकल फेंटन रिएक्शन और एलिफेंट टूथपेस्ट किए गए. फेंटन रिएक्शन में आयरन कैटलिस्ट हाइड्रोजन पैराऑक्साइड का रिएक्शन है और एलिफेंट टूथपेस्ट हाइड्रोजन पाराऑक्साइड का डीकंपोजिशन है. इस रिएक्शन में उठने वाले धुएं से स्टूडेंट्स ने तिरंगा बना दिया. इन दो हजार स्टूडेंट्स का नेतृत्व कोचीन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. गिरीश कुमार कर रहे थे.

इससे पहले का वर्ल्ड रिकॉर्ड आयरलैंड के एक स्कूल के नाम था. उस स्कूल के 1,339 स्टूडेंट्स ने मास क्रोमैटोक्राफई प्रैक्टिकल किया था. इस 'प्रैक्टिकल लेसन' में 40 स्कूल के स्टूडे्ंट्स ने हिस्सा लिया था. प्रत्येक स्कूल ने अपने 50 स्टूडेंट्स यहां भेजे थे. इस प्रैक्टिकल का आयोजन विज्ञान भारती के ओर से किया गया था इसलिए यह रिकॉर्ड भी विज्ञान भारती के नाम पर ही है.

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इस प्रयोग के बारे में शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि आगे आने वाले महीनों में इससे बड़े 'प्रैक्टिकल लेसन' का आयोजन कराने के बारे में सोच रही है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों के स्टूडेंट्स हिस्सा ले सकेंगे.

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