भारतीय मूल के अमेरिकी पर्यावरण इंजीनियर कार्तिक चंद्रन को 2015 मैक आर्थर जीनियस ग्रांट फेलोशिप के लिए चुना गया है.
41 वर्षीय चंद्रन को इस फेलोशिप के तहत 6.25 लाख डॉलर (करीब 4.09 करोड़ रुपये) दिए जाएंगे. यह फेलोशिप दुनिया में भोजन, स्वच्छ जल और ऊर्जा की जरूरत के क्षेत्र में आदर्श समाधान की दिशा में काम करने वालों को दी जाती है.
आईआईटी रुड़की से स्नातक करने वाले चंद्रन कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अर्थ एंड एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में सहायक प्रोफेसर हैं. शिकागो स्थित मैक आर्थर फाउंडेशन ने बताया कि चंद्रन समेत 24 लोगों को फेलोशिप के लिए चुना गया है.
इस मौके पर चंद्रन ने कहा, 'मैं भारत से 24 घंटे की उड़ान के बाद न्यूयॉर्क पहुंचा ही था कि यह फोन आया. मुझे अपने कानों पर यकीन ही नहीं हो रहा था.'
2005 में इंजीनियरिंग स्कूल से जुड़ने वाले चंद्रन 2007 में नेशनल एकेडमिक्स ऑफ साइंस फेलोशिप, 2009 में नेशनल साइंस फाउंडेशन कॅरियर अवॉर्ड और 2010 में वॉटर इनवायरमेंट रिसर्च फाउंडेशन पॉल एल. बुश अवॉर्ड भी अपने नाम कर चुके हैं.