मेहनत कभी बेकार नहीं जाती. परिश्रम का परिणाम हमेशा अच्छा ही आता है. 17 साल की इंद्राणी दास ने यह बात साबित कर दिखाया है.
इंद्राणी भारतीय मूल की अमेरिकी हैं, जो न्यू जर्सी में रहती हैं. इंद्राणी को उनके साइंस प्रोजेक्ट के लिए 1.6 करोड़ का ईनाम दिया गया है.
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भारतीय-अमेरिकी किशोरी इंद्राणी ने अमेरिका के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगियोताओं में से एक 'Regeneron Science Talent Search' में
हिस्सा लिया था. इंद्राणी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले सभी छात्रों को पीछे छोड़ कर 1,63,86,250 करोड़ की ईनामी
राशी अपने नाम कर लिया.
रिपोर्ट के अनुसार इस प्रतियोगिता में 1700 छात्रों ने हिस्सा लिया था, जिसमें भारतीय छात्र भी शामिल हैं. टॉप 10 में आने वाले छात्रों में 4 भारतीय शामिल थे. तीसरा और 5वां स्थान भारतीय छात्रों के नाम ही रहा.
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इंद्राणी ने दरअसल, एक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम किया था, जिसमें यह बताया गया है कि ब्रेन इंजरी यानी मस्तिष्क पर चोट लगने या न्यूरोडिजनरेटिव डिजीज की वजह से हमारे मस्तिष्क की तंत्रिकाएं कैसे मरने लगती हैं और उनको मरने से कैसे बचाया जा सकता है.
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माना जा रहा है कि इंद्राणी के इस खाेज पर आगे और रिसर्च होगा और इसके जरिये मस्तिष्क से संबंधित बड़े इलाज में मदद मिल सकती है.