साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने बैंकिंग क्षेत्र में एक नए वायरस का पता लगाया है. यह देश में ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजेक्शन के लिए खतरा है. यह वायरस निजी जानकारी चुरा सकता है. इसके लिए सरकार ने डेबिट या क्रेडिट कार्ड स्वाइप कराने वालों को सावधान किया है. इस वायरस को ′डेक्सटर, ब्लैक पीओस, मेमोरी डंप ऐंड ग्रैबर′ नाम दिया गया है. इसे ब्लैक वायरस भी कहा जा रहा है. यह ट्रोजन श्रेणी का है.
पिछले साल दिसंबर में ही आरबीआई ने डेबिट कार्ड धारकों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया था कि हर खरीद पर उन्हें पिन दर्ज कराना होगा. इसी के बाद से यह वायरस रिटेल टर्मिनलों पर लगाए गए पॉइंट ऑफ सेल काउंटर्स पर सक्रिय है. यह ब्लैक वायरस ऐसा वायरस है, जो सिस्टम में प्रवेश करने के बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ देता है. यह कार्ड धारक का नाम, अकाउंट नंबर, कार्ड की एक्सपायरी डेट, सीवीवी कोड और अन्य उपयोगी जानकारी चुरा लेता है. इसके बाद फिशिंग अटैक होते हैं, जिससे कार्ड उपभोक्ताओं को फाइनेंशियल नुकसान भुगतना पड़ सकता है.