भारत ही नहीं पूरी दुनिया में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है. नर्स दिवस पर आज हम आपका इस खास बात पर ध्यान दिलाना चाहते हैं कि क्यों भारत का एक हिस्सा नर्सिंग पेशे के लिए जाना जाता है. वो हिस्सा है दक्षिण भारत. दक्षिण भारत में भी केरल एकमात्र ऐसा राज्य है जहां नर्सिंग पेशा सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. न सिर्फ राज्य की महिलाएं ही इस पेशे को पसंद करती हैं, बल्कि इस राज्य की नर्सों को भी पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है. आइए जानते हैं इसके पीछे की खास वजह.
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विशेषज्ञों का कहना है कि समर्पण, बुद्धि और समय की पाबंदी के मामले में दक्षिण भारत की नर्सों का कोई विकल्प नहीं है. दक्षिण भारत की महिलाएं ज्यादातर नर्सिंग को करियर बनाती हैं. इसके पीछे एक कारण यह भी है कि केरल, कर्नाटक में सैकड़ों नर्सिंग कॉलेज और अन्य संस्थान हैं जो हर साल नर्सों को प्रशिक्षित करते हैं. यहां नर्सिंग की पढ़ाई आम है.
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पड़ोसी देश अक्सर केरल में नर्सिंग छात्रों पर नज़र रखते हैं. उनका मानना है कि यहां कि छात्राएं काफी समर्पित भाव से कार्य करती हैं. इनकी कार्यक्षमता बहुत अधिक होती है. और समय की पाबंद भी होती हैं. यही कारण है कि विदेशों में भारतीय नर्सों की अधिक मांग है.
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एक और फैक्ट यह भी है कि केरल में साक्षरता बहुत अधिक है और महिलाओं का अनुपात भी बाकि राज्यों के मुकाबले अधिक है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और हार्ट केयर फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य पद्मश्री डॉ केके अग्रवाल का कहना है कि नर्सिंग प्रोफेशन में आने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है, इस पेशे को जज्बे के तौर पर पसंद करना. अगर आपने इस पेशे को अपने करियर और पैशन के तौर पर पसंद किया है तभी आप इसे अपना सकते हैं.
उन्होंने कहा कि इस पेशे को अपनाने वाले लोग इसे सेवाभाव से लेते हैं. साउथ इंडिया में ज्यादातर महिलाओं में इस पेशे को अपनाने के पीछे उनके मन में बचपन से इस पेशे के प्रति लगाव पैदा हो जाता है. उसका कारण आसपास के माहौल या अपने परिवार में किसी व्यक्ति को इस पेशे में देखकर उनमें ये भाव पैदा हो जाता है. इसी वजह से केरल की नर्सों को अंतरराष्ट्रीय तौर पर पसंद किया जाता है. कोरोना जैसी बीमारी के समय में केरल ने अपने हेल्थकेयर सिस्टम और इन्हीं समर्पित नर्सों की बदौलत कोरोना को नियंत्रित किया हुआ है.