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नहीं थम रहा आईपी कॉलेज मामले में जारी विरोध, हिरासत में लिए गए 27 स्टूडेंट्स, जानिए- क्या है पूरा मामला

छत्राओं ने आज सोमवार को भी आईपी कॉलेज के प्रिंसिपल के इस्तीफे की मांग को लेकर जब कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू किया तो भारी सांख्या में पुलिस बल तैनात करते हुई 27 लड़कियों को ह‍िरासत में लेते हुए प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की गई.  इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने भी दिल्ली पुलिस और डीयू प्रशासन से जवाब तलब किया है.

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सोमवार को भी हुआ विरोध प्रदर्शन
सोमवार को भी हुआ विरोध प्रदर्शन

डीयू के आईपी कॉलेज में एनुअल फेस्ट में लड़कियो से हुए झेड़खानी के विरोध में केवाईएस और आईसा का आईपी कॉलेज प्रशासन और दिल्ली पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. पिछले 29 मार्च को हुए प्रदर्शन में 26 लड़कियों  को पुलिस ने हिरासत में लिया था, फिर 3 अप्रैल को  27 लड़कियों को हिरासत में लिया. प्रदर्शकारियों की मांग है कि आईपी कॉलेज के प्रिंसिपल को बर्खास्त किया जाए. वहीं, इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने भी स्वतः संज्ञान लेते हुए डीयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. 

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पुलिस ने क्या कहा

इस मामले में डीसीपी नॉर्थ ड‍िस्ट्र‍िक सागर सिंह कलसी ने कहा कि आज सुबह करीब 11 बजे आईपी कॉलेज के बाहर आईसा के करीब 15-20 प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध शुरू किया. उन्हें तितर-बितर होने के लिए कहा गया लेकिन वे नहीं हटे. फिर 12 बजकर 40 मिनट से एक बजे के बीच करीब 27 प्रदर्शनकारियों को वहां से शांतिपूर्ण तरीके से हटाया गया. इनमें 15 छात्र और 12 छात्राएं थीं, उन्हें बुराड़ी थाना ले जाया गया और वहां से उन्हें राहत मिली. उनमें से कोई भी आईपीसीडब्ल्यू से नहीं था. 

क्या है पूरा मामला 

एक ओर दिल्ली यूनिवर्सिटी अपने 100 साल पूरे होने पर जश्न मना रहा है. इस कड़ी में डीयू के ही प्रीमियम कॉलेज आईपी कॉलेज ने भी अपने 100वें साल को यादगार बनाने के लिए 2 दिनों तक कई रंगारंग प्रोग्राम का आयोजन किया था. कॉलेज की ओर से इस आयोजन में खुलकर पासेज  बांटे गए. आईपी कॉलेज के पहले दिन फेस्ट में भारी संख्या में लोग पहुंचे थे. वहीं दूसरे दिन इतनी भीड़ हुई कि कुछ शरारती  लोग कॉलेज की दीवार कूदकर फेस्ट में घुस आए. 

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छात्राओं का आरोप है कि इस दौरान फेस्ट में कुछ लड़कियों से छेड़खानी कर दी और छींटाकशी की. इस दौरान लड़कियों ने कॉलेज प्रशासन से इसकी शिकायत करते हुए पुलिस को सूचना दी. लेकिन छात्राओं का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने फेस्ट में कोई माहौल खराब न हो उसको लेकर उन शरारती लड़कों के खिलाफ कोई एक्शन नही लिया और बाद में कार्यवाही की बात कर मामले को शांत करने को कोश‍िश की गई. 

अगले दिन जब कॉलेज प्रशासन के तरफ से कोई एक्शन नही हुआ तो कुछ छात्र संगठनों ने आगे आकर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ़ आवाज उठानी शुरू कर दी. इसमें पहले पिछले 29 मार्च को छात्राओ ने फेस्ट में हुए झेड़खानी के खिलाफ शांति‍पूर्वक विरोध प्रदर्शन किया तो मौके पर भारी संख्या में अर्ध सैनिक बल बुला कर उन्हे हिरासत में ले लिया गया. 

छात्राओं ने पूछा, पहले क्यों नहीं क‍िए गए सुरक्षा इंतजाम 

छात्राओ का आरोप है कि जब एनुअल फेस्ट में भीड़ की संभावना थी तो कॉलेज और पुलिस की ओर से पुख्ता इंतजाम क्यों नही किया गया था. जब लड़कियां छेड़खानी के विरोध में कॉलेज प्रशासन से जवाब मांगने गई तो पुलिस ने उन्हें घसीटते हुए पुलिस वैन में डाल कर हिरासत में ले लिया. इस मामले को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रही छात्राओं का आरोप है कि आखिर में उनकी ही आवाज को दबाया जा रहा है. 

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छत्राओं ने आज सोमवार को भी आईपी कॉलेज के प्रिंसिपल के इस्तीफे की मांग को लेकर जब कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू किया तो भारी सांख्या में पुलिस बल तैनात करते हुई 27 लड़कियों को ह‍िरासत में लेते हुए प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की गई.  इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने भी दिल्ली पुलिस और डीयू प्रशासन से जवाब तलब किया है. आईपी कॉलेज में हुए लड़कियों छेरखानी के मामले में दिल्ली महिला आयोग के स्वाति मालीवाल ने भी कॉलेज प्रशासन और पुलिस से पूछा है कि आखिर फेस्ट के समय सुरक्षा में कमी क्यो बरती गई. यहां भीड़ को संभालने के लिए कोई व्यवस्था क्यों नहीं की गई. हालांकि इस मामले में आईपी कॉलेज की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नही आई है.

(आनंद कुमार के इनपुट के साथ)

 

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