जम्मू एवं कश्मीर के शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा कि गठबंधन सरकार राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में पाठ्यक्रम सुधार तथा एक ज्ञान आधारित समाज के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है.
अख्तर ने कहा, 'ज्ञान के लिहाज से जम्मू एवं कश्मीर दक्षिण एशिया में ज्ञान और तालीम का मुख्य स्रोत रहा है. कश्मीर में चौथी शताब्दी में पहला बौद्ध सम्मेलन हुआ था, इस जगह को शारदा पीठ के नाम से जाना जाता है.'
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जम्मू में अख्तर ने संवाददाताओं से कहा, 'आज की तारीख में जम्मू एवं कश्मीर में साक्षरता दर फिसलकर छठे स्थान पर चली गई है. हमारा विजन महिलाओं में 100 फीसदी साक्षरता का है.'
अख्तर ने कहा कि राज्य की वर्तमान शिक्षा प्रणाली बेहद भारी भरकम है, जो या तो रोजगार या ढांचागत निर्माण पर केंद्रित है और वर्तमान शिक्षा प्रणाली में राज्य के बच्चों की बात ही नहीं की गई है. मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 24,265 स्कूल हैं, जिनमें 16.68 लाख छात्र और 1.43 लाख शिक्षण कर्मचारी हैं.
अख्तर ने कहा, सरकारी स्कूलों में छात्रों के पास होने की प्रतिशतता 50 है, जो कि निजी स्कूलों से 25 फीसदी कम है. जम्मू प्रांत में बीते पांच सालों के दौरान मात्र चार स्टूडेंट्स 10वीं में शीर्ष 20 छात्रों की सूची में जगह पा सके. मंत्री ने कहा कि विभाग के लिए सबसे बड़ी समस्या शिक्षकों के ट्रांस्फर और प्रमोशन की है.
इनपुट- IANS