असम में इस साल दिमागी बुखार से ग्रस्त होने के बाद कम से कम 272 लोगों की मौत हो गयी. वहीं नागालैंड में पिछले एक हफ्ते में दिमागी बुखार के छह मामले सामने आए हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के लक्षणों वाले इन 272 लोगों में 124 केवल ‘जापानी इंसेफेलाइटिस’ (जेई) से मारे गए.
असम से संबंधित एनआरएचएम के निगरानी अधिकारी डॉ बीसी भगवती ने कहा कि राज्य के 27 में से 25 जिलों में एईएस से 1628 लोग प्रभावित हुए जिनमें 636 जेई से ग्रस्त थे. उन्होंने कहा कि एईएस में जेई के मामले शामिल हैं. भगवती ने बताया कि दीमा हसाओ और हैलाकांडी जिलों के छोड़कर बाकी 25 जिले दिमागी बुखार से प्रभावित हुए.
बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में निचले असम के बारपेटा, नलबाड़ी, कामरूप और सोनितपुर जिले और उपरी असम के डिब्रूगढ़, धेमाजी और शिवसागर जिले शामिल हैं. अधिकारी ने कहा कि जानलेवा बीमारी के सबसे ज्यादा शिकार वयस्क हुए हैं. उन्होंने कहा कि बीमारी की रोकथाम के लिए मच्छर भगाने के धुएं का इस्तेमाल समेत कई दूसरे उपाय किए जा रहे हैं.
वहीं पिछले एक हफ्ते में नागालैंड में जापानी बुखार के छह मामलों का पता चला है. नागालैंड के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की एक विज्ञप्ति में आज कोहिमा में बताया गया कि असम की सीमा से लगे दीमापुर जिले में पांच और म्यामां की सीमा से लगे तुऐनसांग जिले में एक मामले का पता चला है.