जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ए पी डिमरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि जेएनयू प्रशासन से मतभेद के चलते डिमरी ने इस्तीफा दिया है. डिमरी ने पिछले साल ही मार्च के महीने में चीफ प्रॉक्टर का कार्यभार संभाला था जिसकी मुख्य जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन करने वाले मामलों की जांच करना और नियम तोड़ने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करना होती है.
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जेएनयू में नए वीसी के आने के बाद साल भर में 2 चीफ प्रॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है. इससे पहले पिछले साल 9 फरवरी को जेएनयू में अफजल गुरु पर हुए कार्यक्रम के बाद तत्कालीन चीफ प्रॉक्टर ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था.
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जेएनयू प्रशासन के मुताबिक चीफ प्रॉक्टर ने अपने इस्तीफे में कारण का जिक्र नहीं किया है. डिमरी ने भी इस्तीफे की बात स्वीकारते हुए वजह बताने से इनकार कर दिया है. डिमरी के करीबियों के मुताबिक जेएनयू प्रशासन जिस तरीके से चीफ प्रॉक्टर से काम कराना चाहता था, वो उससे नाखुश थे. डिमरी छात्रों के बार-बार विरोध-प्रदर्शन करने की वजहों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे लेकिन जिस तरह से जेएनयू प्रशासन छात्रों के मसलों को डील कर रहा है, उससे वो संतुष्ट नहीं थे.
गौरतलब है कि जेएनयू के गुमशुदा छात्र नजीब अहमद के मामले में प्रोक्टोरियल इन्क्वायरी डिमरी ने ही की थी, जिसमें एबीवीपी के करीब 9 छात्रों को कारण बताओ नोटिस भी जारी हुआ था. ये नोटिस डिमरी के आदेश से ही जारी हुआ था, लेकिन नजीब के मुद्दे के बाद एक के बाद एक कैंपस में कई और दूसरे मुद्दों पर छात्रों और शिक्षकों ने विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान जिन छात्रों और शिक्षकों को शो-कॉज जारी किया गया वो सीधा रजिस्ट्रार के जरिये जारी किया गया जबकि विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक ऐसे मामलों में शो-कॉज जारी करने के जिम्मेदारी चीफ प्रॉक्टर की होती है.
सूत्रों के मुताबिक नजीब अहमद की गुमशुदगी के मसले के बाद डिमरी और जेएनयू प्रशासन के बीच मतभेद बढ़ गए थे.