जेएनयू की एकेडमिक कांउसिल ने पिछले सप्ताह एक ऐसे प्रपोजल पर सहमति दी है, जिसमें जेएनयू सेंटर ऑफ इंडियन लैंग्वेजिज को विस्तार दिया जाएगा. अब यह यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिट्रेचर एंड कल्चरल स्टडीज का एक हिस्सा होगा. हालांकि कांउसिल ने संस्कृत सेंटर के उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि योगा एंड इंडियन कल्चर में एक सर्टिफिकेट कोर्स आरंभ किया जाए. कांउसिल सदस्यों ने कहा कि जेएनयू जैसी यूनिवर्सिटी को इस तरह के सर्टिफिकेट कोर्सेज चलाने से बचना चाहिए.
बता दें कि जेएनयू सेंटर ऑफ इंडियन लैंग्वेजिज को 1974 में आरंभ किया गया था. तब इस सेंटर में मास्टर और रिसर्च प्रोग्राम्स केवल उर्दू और हिंदी भाषा में कराए जाते थे. पिछले 10 साल से यहां रिसर्च प्रोग्राम (एम.फिल और पीएचडी) को तमिल, कन्नड़, बंग्ला, मराठी, उडि़या में भी कराए जा रहे हैं. अब ये प्रोग्राम 22 भाषाओं में कराए जाएंगे.