scorecardresearch
 

JNU में शुरू होगा योग दर्शन का कोर्स, जानिए एडमिशन डिटेल्‍स

JNU में शुरू होगा योग दर्शन का कोर्स, जानिए एडमिशन डिटेल्‍स

Advertisement
X
JNU
JNU

Advertisement

JNU से एक अच्छी खबर आई है. खबर ये है कि जेएनयू में अगले सत्र से योग दर्शन का सर्टिफिकेट कोर्ट शुरू होगा. इस पाठ्यक्रम को जेएनयू की एकेडमिक कॉउंसिल की मंजूरी मिल गई है. 

कैसा होगा कोर्स
शैक्षणिक सत्र 2018-19 से स्पेशल सेंटर फॉर संस्कृत स्टडीज विभाग के अंर्तगत योग दर्शन का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जाएगा. सर्टिफिकेट ऑफ प्रोफिशिएंसी इन योगा फिलॉसफी नाम का ये सर्टिफिकेट कोर्स एक साल का होगा, जिसमें दो सेमेस्टर होंगे. पहले सेमेस्टर में फाउंडेशन ऑफ योग फिलॉसफी, योग ट्रेडिशन- प्री पतंजलि एंड पोस्ट पतंजलि, योग इन भागवत गीता और योग फ़ॉर वेल बीइंग जैसे यूनिट होंगे.

कई बार नकारने के बाद JNU परिषद ने योग में पाठ्यक्रम को दी मंजूरी

दूसरे सेमेस्टर में अष्टान योग, आयुर्वेद एंड योग के साथ सिलेक्शन ऑफ उपनिषद जैसे यूनिट होंगे, जिससे छात्र योग को सिर्फ आसनों के जरिये नहीं बल्कि उसके दर्शन के जरिये भी समझ सकेंगे. जेएनयू के वाईस चांसलर एम जगदीश कुमार ने आजतक से ख़ास बातचीत में बताया, 'इस कोर्स के जरिये योग के अनेक पहलुओं की जानकारी छात्रों को मिलेगी. इसके अलावा भक्ति योग, कर्म योग, ज्ञान योग की जानकारी भागवत गीता में योग के जरिये पढ़ाया जाएगा. साथ ही इस दर्शन से छात्रों को बेहतर इंसान बनने में मदद मिलेगी'.

Advertisement

कैसे मिलेगा एडमिशन
योग दर्शन के इस सर्टिफिकेट कोर्स में 12वीं पास छात्र दाखिला ले सकेंगे. दाखिले के लिए कोई ऐज लिमिट फिक्स नहीं की गई है. इस सर्टिफिकेट कोर्स के लिए पहला बैच करीब 30 लोगों का हो सकता है. जेएनयू के मुताबिक डिग्री कोर्स करने वाले छात्र भी इस सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिला ले सकते है.

बता दें कि जेएनयू साल 2015 से योग दर्शन पाठ्यक्रम को लागू करने की योजना बना रहा था, लेकिन कोर्स स्ट्रक्चर को लेकर काउंसिल को ऐतराज था. लिहाज़ा योग दर्शन के प्रस्ताव को 2 बार काउंसिल ने नामंजूर भी कर दिया था. लेकिन इस बार संस्कृत विभाग ने विभिन्न विभागों से मिले सुझावों के बाद कोर्स स्ट्रक्चर में मामूली बदलाव के बाद नए ड्राफ्ट को एकेडेमिक कॉउंसिल में रखा, जिसे कॉउंसिल ने सर्वसम्मति से पास कर दिया.

Advertisement
Advertisement