यौन उत्पीड़न से जुड़ी शिकायतों का निष्पक्ष और समयबद्ध निपटान सुनिश्चित करने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) इससे जुड़ी अपनी नीति का पुर्नगठन करने के लिए तैयार है.
यौन उत्पीड़न नीति में सुधार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा लोकसभा में दिए गए उस बयान के लिहाज से और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि शैक्षणिक संस्थानों में यौन उत्पीड़न की सबसे ज्यादा शिकायतें दिल्ली में दर्ज की गई हैं.
जेएनयू में यौन उत्पीड़न के खिलाफ लैंगिक संवेदीकरण समिति है. यह एक केंद्रीय संस्था है, जो कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से आने वाली इस किस्म की शिकायतों का निपटान करती है. इस समिति के पास संशोधित नीति का मसविदा पहले से मौजूद है.
समिति द्वारा बनाए गए मसविदे को कुलपति के पास भेजा जा चुका है और इसके अगली बैठक में विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद और कार्यकारी परिषद के समक्ष रखा जाएगा.
समिति की सदस्य गीता कुमारी ने बताया, 'हमने पाया कि जेएनयू में यौन उत्पीड़न से जुड़ी जो नीति है, उसे उच्चतम न्यायालय के वर्ष 2013 के दिशानिर्देशों को अपडेट किया जाना जरूरी है.'
इनपुट: भाषा