वाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के स्टूडेंट्स ने केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए बदलावों के विरोध में जंतर-मंतर पर बुधवार शिक्षा संसद का आयोजन किया है. इसमें देश के कई हिस्सों के शिक्षक संगठन JNU, DU, FTII, NCERTऔर ICHR भाग लिया.
जेएनयू स्टूडेंट्स का कहना है कि शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है जो बेहद खतरनाक साबित होगा. बिना योग्यता और योगदान देखे ही प्रतिष्ठित संस्थानों के लोग प्रमुख बनाए जा रहे हैं. बड़े स्तर पर च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CBCS) लाकर शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है.
यूनिवर्सिटी बिल सहित शिक्षा के क्षेत्र में अन्य जो बदलाव किए जा रहे हैं वह छात्रों के हित में नहीं है.
इस कार्यकम में देश के विभिन्न हिस्सों से विद्वान अपने विचार रखेंगे. इसमें लखनऊ यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति प्रो. रुपरेखा वर्मा, एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक प्रो. प्रवीन, सहित कई लोग शामिल हैं.