जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ (JNUSU) का चुनाव शुक्रवार शाम खत्म हो गया. पहली बार चुनाव में नन ऑफ द एबव (NOTA) का विकल्प शामिल किया गया था. जेएनयूएसयू के चुनाव परिणाम की घोषणा सोमवार को होने की संभावना है.
मतदान की शुरुआत सुबह 9.30 बजे हुई थी. अध्यक्ष पद के लिए सात उम्मीदवार मैदान में थे, और उपाध्यक्ष के लिए पांच, और सचिव और संयुक्त सचिव के लिए पांच-पांच उम्मीदवारों के बीच मुकाबला था.
जेएनयू ने मतपत्र का इस्तेमाल किया और पहली बार छात्र-छात्राओं को नोटा का इस्तेमाल करने का अवसर मिला. ऐसा पहली बार हुआ है कि जेएनयू ने अपने नामांकन पत्र में तीसरे लिंग को भी स्थान दिया है.
जेएनयू में हमेशा वामपंथी छात्र संगठनों का दबदबा रहा है. पिछले बार आइसा ने सभी चार पदों पर जीत हासिल की थी. अन्य वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया (SFI) और नवगठित लेफ्ट प्रोग्रेसिव फ्रंट (NPF) और आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) ने भी अपने उम्मीदवार उतारे थे.
एनएसयूआई और एबीवीपी ने भी अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. इस चुनाव में मुख्य मुद्दा महिलाओं की सुरक्षा, छात्रावास और वाईफाई कनेक्शन और छात्र-छात्राओं के लिए स्वास्थ्य केंद्र जैसे आधारभूत संरचनाओं से जुड़ा हुआ था.
यूनिवर्सिटी के निजी सुरक्षाकर्मी शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए तैनात किए गए थे.