जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में फीसवृद्धि का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार को भी प्रशासन और छात्रसंघ आमने सामने नजर आया. एक तरफ जेएनयू छात्रसंघ रविवार को सांसदों के साथ फीसवृद्धि को लेकर चर्चा आयोजित कर रहा है. वहीं टीचर्स के एक धड़े का कहना है कि स्टूडेंट हर चीज को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. कुलपति से हर छात्र डायरेक्टली नहीं मिल सकता. उन्हें प्रोटोकॉल मानना होगा.
प्रशासन का कहना है कि हमने हॉस्टल प्रेसीडेंट को बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन वो नहीं आए. लेकिन दूसरी तरफ वो मीडिया के जरिये पूरी दुनिया को दिखा रहे हैं कि वीसी उनसे मिल नहीं रहे हैं. ये सभी प्रदर्शन पूरी तरफ निरर्थक प्रक्रिया हैं.JNU administration on vandalism and defacement of Vivekananda statue in the campus: Condemn the vandalism done by students. Everything has been recorded. Chief Proctor Office will take stringent action possible against those who will be found guilty. pic.twitter.com/gjQPfCn4xx
— ANI (@ANI) November 17, 2019
प्रशासन ने स्वामी विवेकानंद की मूर्ति से छेड़छाड़ के मामले में कहा कि जो भी छात्र स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा से छेड़छाड़ मामले में आरोपी है, उनके साथ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हर चीज को रिकॉर्ड किया गया है. डीन ऑफ स्टूडेंट्स ने तारिक अनवर के बयान पर भी कहा कि राजनीतिक दल आते जाते रहते हैं, लेकिन जो स्वामी विवेकानंद का सम्मान नहीं करता, उनकी क्लास टू के बच्चे भी इज्जत नहीं करते. जेएनयू की ओर से आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में प्रदर्शन के दौरान कथित अभद्रता व मारपीट का शिकार हुईं महिला प्रोफेसर भी अपनी राय रख रही हैं.