scorecardresearch
 

JNU छात्रसंघ चुनाव में फिर लहराया लेफ्ट का परचम, आइशी घोष बनीं अध्यक्ष

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव परिणाम घोषित कर दिया गया है. लेफ्ट यूनिट की आइशी घोष जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष चुनी गई हैं. 

Advertisement
X
JNUSU के नतीजे घोषित
JNUSU के नतीजे घोषित

Advertisement

  • दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव नतीजों को जारी करने की दी थी अनुमति
  • दो छात्रों की ओर से दाखिल याचिका पर HC ने परिणाम पर रोक लगा रखी थी
  • 6 सितंबर को जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए मतदान हुआ था

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव परिणाम घोषित कर दिया गया है. यूनाइटेड लेफ्ट पैनल की आइशी घोष (एसएफआई) नई जेएनयूएसयू प्रेजिडेंट चुनी गई हैं. लेफ्ट यूनिटी सभी चार पदों पर जीत हासिल करने में कामयाब रहा है. आइशी घोष अध्यक्ष, साकेत मून उपाध्यक्ष, महासचिव पद पर सतीश चंद्र यादव जबकि मोहम्मद दानिश संयुक्त सचिव चुने गए हैं.   

अध्यक्ष

आइशी घोष (लेफ्ट) - 2313

जितेंद्र सुना (बाप्सा) - 1121

मनीष जागिड़ (एबीवीपी) - 1128

प्रशांत कुमार (एनएसयूआई) - 771

प्रियंका भारती (सीआरजेडी )-156

राघवेंद्र मिश्रा (निर्दलीय)- 53

नोटा- 115

ब्लैंक- 26

अमान्य - 45

Advertisement

उपाध्यक्ष

ऋषिराज यादव (CRJD) - 285

साकेत मून (लेफ्ट यूनिटी) - 3365

श्रुति अग्निहोत्री (एबीवीपी) - 1335

नोटा- 558

ब्लैंक - 172

अमान्य -13

महासचिव

सबरीश पीए (एबीवीपी) - 1355

सतीश यादव (बाएं) - 2518

वसीम आरएस (बाप्सा) - 1232

नोटा - 520

रिक्त - 91

अमान्य - 12

संयुक्त सचिव

मोहम्मद दानिश (लेफ्ट) - 3295

सुमंत साहू (एबीवीपी) - 1508

नोटा - 734

ब्लैंक- 182

अमान्य - 9

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान परिणाम घोषित करने की इजाजत दे दी थी. हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में परिणाम न जारी करने का आदेश जेएनयू के दो छात्रों की ओर से दाखिल याचिका पर दिया था. याचिका में आरोप लगाया गया था कि चुनाव समिति ने लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों की अनदेखी करके छात्रसंघ का चुनाव कराया है.

अंशुमान दुबे और अनुज कुमार द्विवेदी ने याचिका में जेएनयूएसयू का चुनाव लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों के तहत कराने की मांग की थी. इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन इलेक्शन कमेटी और मामले से जुड़े सभी पक्षों को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए निर्देश दिए थे.

लेकिन कोर्ट ने सोमवार को जेएनयू प्रशासन के जवाब के बाद याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया. क्योंकि जेएनयू ने कहा कि उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए या तो अनुपयुक्त पाया गया या फिर पीछे उनके खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को उन्होंने छिपाया.

Advertisement

हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आपकी जानकारी के बाद हमने चुनाव नतीजों पर रोक लगाई थी. लेकिन, आपकी जानकारी सही नहीं थी. जेएनयू ने कहा कि GRC (ग्रीवांस रिड्रेसल सेल) ने पिछला चुनाव 30 काउंसलर के साथ कराया था. जबकि इस बार बार 46 काउंसलर के साथ कराया है. याचिकाकर्ता का ये कहना कि 55 काउंसलर के साथ ही पिछले चुनाव होते आए हैं, पूरी तरह से ग़लत है.

शुक्रवार को दो छात्रों की याचिका पर हाई कोर्ट ने रिजल्ट के ऐलान पर 17 सितंबर तक रोक लगा दी थी. इस पर देर रात सभी यूनियंस के साथ मीटिंग कर जेएनयू इलेक्शन कमिटी ने तय किया कि वे रुझानों के साथ रिजल्ट जारी करेंगे, मगर फाइनल रिजल्ट का ऐलान नहीं करेंगे. हालांकि, स्टूडेंट्स का कहना है कि प्रशासन की ओर से काउंटिंग रुकवाने की कोशिश भी की गई, मगर प्रशासन सफल नहीं हो पाया. छात्रों का कहना था कि हाई कोर्ट ने काउंटिंग पर रोक नहीं लगाई है.

Advertisement
Advertisement