देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट यूनियन जेएनयूएसयू हॉस्टल की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहा है.
हॉस्टल की समस्या को देखते हुए जेएनयूएसयू के स्टूडेंट्स लगातार 6 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं, लेकिन प्रशासन इस बारे में उदासीन रवैया बनाए हुए है. भूख हड़ताल कर रहे स्टूडेंट्स का आरोप है कि रुपये आवंटित होने के बावजूद भी तय सीमा के अंदर हॉस्टल का निर्माण नहीं हो पाया है. कैंपस में शिपरा-2 नाम से एक हॉस्टल का निर्माण करीब दो सालों से अधर में लटका हुआ है.
छात्र संघ के मुताबिक, स्टूडेंट्स के लिए उन्होंने डोरमेटरी की जगह भी सुझाई थी, लेकिन प्रशासन ने उसके लिए भी कुछ नहीं किया. कैंपस के अंदर स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए बस भी चलाई जानी थी, मगर उसे भी पूरा नहीं किया गया है.
जेएनयूएसयू के वाइस प्रेसिडेंट अनंत प्रकाश का कहना है, 'प्रशासन ने हॉस्टल निर्माण में देरी के बारे में जितनी अड़चनें बताई थीं, वो सारी जेएनयूएसयू ने दूर कर दी है. लेकिन फिर भी प्रशासन हॉस्टल की समस्या को दूर नहीं कर पा रहा है. अगर नए स्टूडेंट्स को हॉस्टल न मिले तो उसकी पढ़ाई में तमाम तरह की बाधा आती हैं और वह कैंपस लाइफ का फायदा भी नहीं उठा पाता है. '
उन्होंने आगे कहा,' छात्र संघ पहली बार भूख हड़ताल पर नहीं बैठा है, इससे पहले भी जनवरी के महीने में 9 दिनों का भूख हड़ताल स्टूडेंट्स के द्वारा किया जा चुका है.'प्रशासन ने डोरमेटरी के निर्माण के लिए 10 जुलाई तक का समय लिया था, वो भी बीत चुका है.
प्रशासन की इस लापरवाही का नतीजा दूर-दराज से पढ़ाई करने के लिए आए उन स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ता है, जिनके पास दिल्ली में रहने के लिए जगह नहीं है. वे हमेशा कैंपस के आस-पास के इलाकों में किराए पर कमरा लेते हैं और मकान मालिकों की मनमानी का शिकार भी होते हैं.