अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने गुरुवार को जब प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की दो प्रयोगशालाओं का दौरा करके छात्रों से बातचीत की तो ‘बहुत रोमांचकारी’ और ‘उत्कृष्ट’ जैसे शब्दों के जरिए इनकी सराहना की.
कैरी यहां पांचवी भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता के लिए भारत आए हैं. उन्होंने अपना समय निकालकर अप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी की प्रयोगशाला और बायो-प्रोसेस प्रयोगशाला का दौरा किया.
आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर आर के शेवगांवकर ने बताया कि अमेरिकी दूतावास ने विशेष तौर पर कहा था कैरी इन प्रयोगशालाओं का दौरा करना चाहते हैं. नीले रंग का सूट पहनकर आए कैरी ने यहां छात्रों से बातचीत की और उनसे प्रक्रियाओं, शैक्षणिक शुल्कों, पेटेंट व्यवस्था के बारे में सवाल पूछे. कैरी ने छात्रों से यह भी पूछा कि वे भारत में नौकरी करेंगे या उन्हें बाहर जाना है? कैरी जैव तरीके से नष्ट किए जा सकने वाले प्लास्टिक पर शोध परियोजना को देखकर काफी खुश हुए.
जब एक छात्र ने उन्हें इस परियोजना के बारे में विस्तार से बताया तो उन्होंने कहा, ‘बहुत रोमांचक. यह दुनिया के लिए बहुत बड़ा योगदान होगा. बहुत रोमांचक, शानदार.’ इस परियोजना में शामिल कुणाल गुप्ता ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि कैरी उनके संस्थान में आए.
गुप्ता ने कहा, ‘मैं ऐसे संस्थान का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करता हूं, जिसकी पहचान अमेरिका में भी है. उन्होंने (अमेरिका ने) बहुत शोध किए हैं और हमसे वह बहुत आगे हैं. कैरी का हमारे संस्थान में आने पर हमें बहुत अच्छा लगा.’ कैरी ने उस प्रयोगशाला का भी दौरा किया, जहां पानी साफ करने के लिए और जैवईंधन बनाने के लिए शैवाल का इस्तेमाल किया जा रहा है.