झारखण्ड लोक सेवा आयोग यानी JPSC साल 2017 के लिए घोषित अकादमिक कैलेंडर को पूरा करने मे एक बार फिर पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है. आयोग के दवारा इस साल ली गयी कोई भी परीक्षा अब तक पूरी नहीं हुई है. अधिकतर परीक्षाओ के परिणाम पर या तो अदालत ने रोक लगाई हुई है या फिर ये नियमों के जाल में उलझकर रह गयी है. ऐसे में इन परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थिओं का पूरा साल बर्बाद होने का खतरा बना हुआ है.
19 परीक्षाएं ली जानी थीं इस साल
आयोग द्वारा जारी अकाद्मिक कैलेंडर की मानें तो इस साल कुल 19 परीक्षाएं ली जानी थीं. जिनमे सिविल सेवा की परीक्षाओं के साथ-साथ विश्वविद्यालयों में गैर-शैक्षणिक पदाधिकारियों की नियुक्ति, प्राचार्यों की नियुक्ति, दंत चिकित्सकों की नियुक्ति, बीआइटी सिंदरी में विभिन्न पदों की नियुक्ति, सहायक अभियंताओं की नियुक्ति परीक्षाएं होनी थीं. लेकिन परीक्षाओं में कोई न कोई पेंच फंसने के कारण दो माह बाद ही दो परीक्षाओं को छोड़कर सभी परीक्षाओं की संभावित तिथियां रद्द कर दी गईं.
आयोग का रिपोर्टकार्ड
आयोग की कार्यशैली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आयोग सिविल सेवा की अब तक सिर्फ छह परीक्षा ले पाया है जबकि कायदे से राज्य गठन के बाद कम से कम 16 परीक्षाएं होनी थीं. यही हाल दूसरी प्रतियोगिता परीक्षाओं का भी है. इनमें से अधिकतर परीक्षाएं नियमावलियों की पेंच में फंस कर रह गयी हैं, जिनकी सुनवाई हाईकोर्ट में हो रही है.