झारखण्ड हाईकोर्ट ने सोमवार को छठी झारखण्ड पब्लिक सर्विस कमीशन की मेन्स परीक्षा पर बड़ा फैसला दिया है. राज्य सरकार की दलील को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने JPSC मेंस परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा के सफल सिर्फ 6103 परीक्षार्थियों के रिजल्ट जारी करने के आदेश दिए है.
फोटो: हाईकोर्ट के बाहर इस मामले की सुनवाई कर रहे वकील
बता दें कि मेंस परीक्षा के परिणाम पर रोक को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को काफी गहमागहमी के बीच हाई कोर्ट ने ये अहम् फैसला सुनाया. प्रारंभिक परीक्षा में तीन बार संशोधनो के बाद 34 हज़ार 634 अभ्यर्थी सफल घोषित किये गए थे. हाईकोर्ट के इस निर्णय से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है. दरअसल अदालत ने छठी JPSC मामले में सरकार के विज्ञापन की शर्तों में किए गए बदलाव को खारिज कर दिया है. अदालत ने निर्देश दिया है कि प्रथम प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के आधार पर ही मुख्य परीक्षा का रिज़ल्ट प्रकाशित किया जाए. राज्य के महाधिवक्ता अजीत कुमार ने भी सरकारी पक्ष अदालत के समक्ष रखा था.
पहली बार छठी JPSC का परिणाम 2017 में आया था. तब 4940 अभ्यर्थी पीटी परीक्षा में सफल घोषित किये गए थे. बाद में हाईकोर्ट के आदेश के बाद रिजल्ट को रिवाइज किया गया था. तब 6103 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए. इस रिजल्ट के प्रकाशन के बाद ही विरोध शुरू हो गया था, अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर कर कहा था कि JPSC ने परीक्षा प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमो और शर्तों में बदलाव किया है। कार्यवाहक चीफ जस्टिस एचसी मिश्रा और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने सोमवार को अहम् फैसला सुनाया.
फोटो: कोर्ट के बाहर जुटे JPSC के अभ्यर्थी व उनके परिजन, किया फैसले का स्वागत
JPSC के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक मानते हुए इसका स्वागत किया है. दरअसल छठी JPSC परीक्षा की प्रक्रिया पिछले चार साल से चल रही है, लेकिन अभीतक फाइनल रिजल्ट नहीं आ पाया, अब अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है. कई अभ्यर्थियों की उम्र तो अब कटऑफ एज से आगे निकल चुकी है जिससे वे चिंतित है. इसी तरह की चिंता अभ्यर्थी मनोज यादव ने भी जताई. आज कीसुनवाई के लिए कई अभ्यर्थी हाई कोर्ट के बाहर जुटे थे.