भारतीय सेना के पहले कमांडर- इन-चीफ फील्ड मार्शल मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा (K.M Cariappa) थे. उन्होंने साल 1947 में हुए भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया. आजादी से पहले और आजादी के बाद, हमारी सेना की कमान संभालने वाले के एम करियप्पा ने 15 मई साल 1993 में दुनिया को अलविदा कह दिया.
जानते है उनकी जिंदगी से जु़ड़ी बातें.
1. के एम करिअप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 को कर्नाटक में हुआ .
2. उनके पिता कोडंडेरा माडिकेरी में एक राजस्व अधिकारी थे.
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3. वे वह अपने परिवार सहित लाइम कॉटेज में रहा करते थे. करिअप्पा के तीन भाई तथा दो बहनें भी थी.
4. घर में उन्हें सभी लोग प्यार से ‘चिम्मा’ कहकर पुकारते थे.
5. करिअप्पा की प्रारम्भिक शिक्षा माडिकेरी के सेंट्रल हाई स्कूल में हुई. शुरू से ही वह पढ़ाई में बहुत अच्छे थे. उन्हें मैथ्स और चित्रकला बेहद पसंद थी.
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6. साल 1917 में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने मद्रास के प्रेसीडेंसी कालेज में एडमिशन ले लिया.
7. एक होनहार छात्र के साथ-साथ वह क्रिकेट, हॉकी, टेनिस के अच्छे खिलाड़ी भी रहे.
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8. वे भारतीय सेना के उन दो अधिकारियों में शामिल हैं जिन्हें फील्ड मार्शल की पदवी दी गई. फील्ड मार्शल सैम मानेकशा दूसरे ऐसे अधिकारी थे, जिन्हें फील्ड मार्शल का रैंक दिया गया था.
9. करियप्पा को 'कीपर' के नाम से पुकारा जाता था. वह फील्ड मार्शल के पद पर पहुंचने वाले इकलौते भारतीय है.
10. फील्ड मार्शल और बाद में पाकिस्ताने के राष्ट्रपति बने अयूब खाने ने 1946 में उनके तहत काम किया.
11. अमेरिका के राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन ने उन्हें 'Order of the Chief Commander of the Legion of Merit' से सम्मानित किया.
12. पूरी ईमानदारी से देश को दी गयी उनकी सेवाओं के लिए भारत सरकार ने साल 1986 में उन्हें 'Field Marshal' का पद प्रदान किया.
13. साल 1993 में देश के पहले कमांडर ने बैंगलोर में 94 उम्र में अपनी अंतिम सांसे ली.