भारतीय रेलवे ने भू-स्थानिक टेक्नोलॉजी पर एक कल्पना चावला विभाग बनाने के लिए सोमवार को चंडीगढ़ स्थित पंजाब इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. एरोस्पेस इंजीनियरिंग में कल्पना चावला के योगदान के मद्देनजर रेलवे ने यह पहल की है.
रेलवे ने यहां एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय रेलवे ने भू-स्थानिक टेक्नोलॉजी पर कल्पना चावला की मातृ संस्था में एक विभाग बनाने का फैसला किया है.
चावला 1978-82 के दौरान पंजाब इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी की छात्रा थीं. यह पहले पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज था. विभाग की स्थापना के लिए रेलवे विश्वविद्यालय को दस करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराएगी.
भू-स्थानिक टेक्नोलॉजी के विषयगत क्षेत्र में शिक्षण, शोध और विकास और रेलवे इंजीनियरिंग में इसका अनुप्रयोग कर विभाग विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियां जारी रखेगा.
बयान में कहा गया, 'रेल परियोजनाओं के लिए टेक्नोलॉजी की जरूरतों के संबंध में जहां दूर संवेदी आंकड़े के उपयोग या वैश्विक स्थापन प्रणाली (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) की आवश्यकता होगी तो सलाह देने के लिए विभाग रेलवे के संपर्क में रहेगा.' इससे रेलवे को अपनी समस्याओं का हल अपने घर में में ही मिल जाएगा जो अभी पश्चिमी देशों से आउटसोर्स किया जाता है.