कहते हैं कि बच्चे किसी देश का भविष्य होते हैं. लेकिन इन्हीं बच्चों की शिक्षा की नींव अगर नकल के जहर से खोखली कर दी जाए तो उसे आप क्या कहेंगे. यूपी के देवरिया जिले के पिपरापूरन स्थित प्राथमिक विद्यालय में कुछ ऐसा ही अनर्थ देखने को मिला.
प्राथमिक विद्यालय में टीचर ही बच्चों को परीक्षा पास करने के लिए नकल का रास्ता दिखाते मिले. यहां पांचवीं क्लास की मैथ्स परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तो दिया गया. लेकिन प्रश्नपत्र के पीछे ही सवालों के जवाब भी लिखे हुए थे. चौथी क्लास का नजारा तो और भी गजब था. यहां ब्लैकबोर्ड पर सवालों के साथ उनके जवाब भी लिखे हुए थे. यानी बच्चों को मेहनत करने का कोई झंझट ही नहीं. पांचवी के एक बच्चे ने बताया कि उसे पर्चा मैडम ने दिया है जिसमें एक तरफ प्रश्न हैं और दूसरी तरफ उनके हल हैं.
मुख्य अध्यापिका नहीं दे सकी सफाई
इस मामले पर जब विद्यालय की मुख्य अध्यापिका ज्ञान्ती से पूछा गया तो कहने लगीं कि प्रश्नपत्र तो उन्होंने दिया है लेकिन उसे हल नहीं किया. मुख्य अध्यापक झेंप मिटाने के लिए हंसते हुए एक बच्चे की तरफ देखकर कहने लगीं कि क्यों बेटा ब्लैकबोर्ड पर प्रश्नों के जवाब भी लिख दिए.
हालांकि सहायक अध्यापक मनोरमा ने बच्चों को नकल कराए जाने की बात मानी. मनोरमा का कहना था कि सवाल छोटे बच्चों के हिसाब से मुश्किल हैं और उन्हें पास कराना भी जरूरी है. यह सारा प्रकरण देवरिया के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार की जानकारी मे लाया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच कराने के बाद मुख्य अध्यापक और सहायक अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.