दो नंबरी कहते ही जहन में अजीब सी छवि बनती है और हमारे देश के लिए भी कुछ ऐसा ही है. इसकी बानगी आपको सन् 47 से लेकर आज तक मिल जाएगी.Advertisementइनपुट: NEWSFLICKS