आजादी के बाद भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी रहीं अन्ना रजम मल्होत्रा का सोमवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया. मल्होत्रा को देश की पहली आईएएस माना जाता है. वह सचिवालय में पद प्राप्त करने वाली भी पहली महिला थीं. इस प्रेरक, दृढ़ और हठीली ईमानदार महिला की एक प्रेरणादायक कहानी है.
1951 में सिविल सेवा में शामिल
उनका जन्म जुलाई 1927 में केरल के एर्नाकुलम जिले में हुआ था और तब उनका नाम अन्ना रजम जॉर्ज था. कोझिकोड में स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह चेन्नई चली गईं ताकि मद्रास विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकें. मल्होत्रा 1951 में भारतीय सिविल सेवा में शामिल हुईं और मद्रास कैडर चुना. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री सी. राजगोपालाचारी के नेतृत्व में मद्रास राज्य में सेवा दी थी.
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आरबीआई गवर्नर से हुई थी शादी
उनकी शादी आर. एन. मल्होत्रा से हुई थी जो 1985 से 1990 तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रहे थे. उन्हें मुंबई के नजदीक देश के आधुनिक बंदरगाह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) की स्थापना में योगदान के लिए जाना जाता है. वह जेएनपीटी की अध्यक्ष रहीं. केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के दौरान उन्हें जेएनपीटी का कार्य मिला था.
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राजीव गांधी, इंदिरा नेहरू के साथ किया था काम
बताया जाता है कि उन्होंने तमिलनाडु के सात मुख्यमंत्रियों के मातहत काम किया था. दिल्ली में 1982 में एशियाई खेलों का प्रभारी होने के दौरान राजीव गांधी के साथ उन्होंने निकटता से काम किया था. 1982 में उन्होंने पंडित नेहरू को एशियाड सम्मेलन में असिस्ट भी किया था, वो इंदिरा गांधी के साथ फूड प्रोडक्शन पैटर्न को समझने के लिए आठ राज्यों की यात्रा पर भी गई थीं. साल 1989 में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया.