अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी इंडिया टुडे की ऊंचे और असरदार लोगों की
फेहरिस्त में दूसरे पायदान पर हैं. 2014 में आई सूची के मुकाबले वे शीर्ष
पर पहुंचने के लिए एक सीढ़ी और आगे बढ़ चुके हैं.
ये हैं उन्हें खास मुकाम पर लाने की खास वजह:
क्योंकि अहमदाबाद के इस व्यापारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है, उन्होंने नई सरकार के कार्यकाल में अपना साम्राज्य तेजी से फैलाया है, उनकी दौलत में 48 प्रतिशत का इजाफा (मई 2014 से मई 2015 के बीच) हुआ और वह 8.1 अरब डॉलर तक पहुंच गई, क्लूमबर्ग बिलियनेयर्स की सूची में आने वाले सात भारतीयों में उनकी दौलत सबसे ज्यादा बढ़ी है.
क्योंकि उन्होंने 2015 में सही अवसरों को बहुत जल्दी भांप लिया और कारोबारी सौदे कर लिए, जिनमें केरल में 7,525 करोड़ रु. का विझिनजम पोर्ट सौदा और तमिलनाडु में एलऐंडटी का कट्टूपल्ली पोर्ट अधिग्रहण शामिल है. ऐसा करके वे बंदरगाहों के धंधे में सबसे बड़े खिलाड़ी बन गए हैं. इसके अलावा लैंको से उडुपी पावर कॉर्पोरेशन का अधिग्रहण करके वे भारत के सबसे बड़े निजी थर्मल पावर निर्माता बन गए हैं; उन्होंने राजस्थान में 60,000 करोड़ रु. के निवेश से 10,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा पार्क की घोषणा के साथ वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में भी दबदबा बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है.
कोयले का कारोबार: वे दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदानों में से एक बनाने जा रहे हैं, 16.5 अरब डॉलर की इस परियोजना के लिए उन्हें क्वींसलैंड की ओर से पर्यावरण से संबंधित मंजूरी मिल चुकी है.
जीवन संगिनी के सरोकार उनकी डेंटल सर्जन पत्नी प्रीति अडानी, अडानी फाउंडेशन की मैनेजिंग ट्रस्टी के तौर पर उसके काम पर नजर रखती हैं, खासकर शिक्षा के मामले में. उनके दो बेटे हैं, करण और जीत.