भारतीय रेल की विशाल रसोई अपने आप में एक अदभुत जगह है. इसकी स्थापना फरवरी 2012 में हुई थी. इसके जरिये राजधानी, दुरंतो और अगस्त क्रांति जैसी ट्रेनों में हर दिन 10,000 भोजन की थाली उपलब्ध कराई जाती है. IRCTC के एजीएम सुधीर वैरियर ने बताया कैसे तैयार किया जाता है यात्रियों के लिए यहां खाना:
1. रोटियां बनाने की यहां एक मजेदार प्रक्रिया है इसमें सूखे आटे को 80 सेंकड के अंदर गोल और पकी हुई रोटी के रूप में तैयार कर दिया जाता है.
2. दाल, चावल, मसाले, सेंवई जैसे कच्चे माल को गोदाम में रखा जाता है. वहीं अन्य ‘सूखी’ चीजों को लेबल लगा कर अलग से रखा जाता है.
3. नष्ट होने वाली सभी वस्तुएं रोज सुबह ताजी आती हैं वही सूखे पदार्थों का तीन दिन के लिए स्टोर किया जाता है.
4. सब्जियों और फलों जैसे सभी नष्ट हो सकने वाले पदार्थों को काटने के लिए भेजने से पहले उसे धोकर साफ कर लिया जाता हैं. सब्जियों को साफ रखने के लिए क्लोरिन की गोलियों का प्रयोग करते हैं.
5. सब्जियां काटने की मशीन स्वीडिश कंपनी हाल्दे की है. जो एक घंटे के अंदर करीब 400 किलोग्राम सब्जियां काट सकती हैं.
6. इडली और वड़ा जैसे दक्षिण भारतीय खाने के लिए आलू छीलने की मशीन और घोल तैयार करने की मशीन का खासतौर पर इस्तेमाल किया जाता है.
7. रसोई के लिए उपकरणों को विश्व के कई कोनों से मंगवाया गया है जैसे स्वीडन की हाल्दे, फ्रांस की रोसिनोक्स, फिनलैंड की हैकमनन, इटली की सोत्रिवा, इसके अलावा अहमदाबाद की सर्वोटेक कंपनी के उपकरण रसोई में उपलब्ध किए जाते हैं .
8. कई टन चावल एक साथ बनाने के लिए बड़े भाप की केतली का प्रयोग किया जाता है.
भविष्य की योजना:
शौचालय और फर्श की सफाई करने के लिए दोबारा इस्तेमाल किए जा सकते पानी का प्रयोग करने की योजना तैयार की जा रही है. साल के अंत तक रोजाना 25,000 भोजन थाली प्रदान किए जाने के प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है.
इनपुट: भाषा