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जानें- भारत से कितना अलग है बांग्लादेश का चुनाव, ऐसे चुना जाता है PM

बांग्लादेश में आज आम चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है, आइए जानते हैं भारत से कितने अलग हैं बांग्लादेश के चुनाव...

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चौथी बार पीएम बनने की उम्मीद में हसीना (फोटो-AP)
चौथी बार पीएम बनने की उम्मीद में हसीना (फोटो-AP)

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बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए वोटिंग प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. बांग्लादेश में रविवार को वोट डाले जा रहे हैं और 10 करोड़ से ज्यादा आबादी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रही है. यह बांग्लादेश के 11वें संसदीय चुनाव हैं और यहां की राजनीति शेख हसीना और खालिदा जिया के इर्द-गिर्द ही घूमती है. चुनावों में जंग भी इन्हीं दोनों नेताओं के बीच होती रही है.

पिछली बार भी खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की ओर से चुनावों का बहिष्कार कर दिए जाने की वजह से शेख हसीना की बांग्लादेश आवामी लीग को सत्ता हाथ लग गई थी. इस बार भी इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच मुकाबला दिख रहा है, लेकिन इस बार बीएनपी की मुख्य नेता खालिदा जिया भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर जेल में हैं. अगर हसीना यह चुनाव जीत जाती हैं तो वह रिकार्ड चौथी बार देश की प्रधानमंत्री बनने वाली पहली नेता हो जाएंगी.

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ऐसे में जानते हैं आखिर बांग्लादेश में आम चुनाव कैसा होता है और यहां का प्रधानमंत्री कैसे चुना जाता है और यहां की संसदीय व्यवस्था भारत से कितनी अलग है. बांग्लादेश में भी भारत की तरह आम चुनाव होता है और इस चुनाव में जीत हासिल करने वाली पार्टी का नेता देश का प्रधानमंत्री होता है, जबकि संसद की ओर से देश के राष्ट्रपति का चुनाव होता है. राष्ट्रपति के चयन के लिए आम चुनाव नहीं करवाए जाते हैं.

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बांग्लादेश में लोकतंत्र

साल 1971 में बांग्ला बोलने वाले के इलाके को बांग्लादेश के रूप में पहचान मिली. इससे पहले 1947 के विभाजन में इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता रहा, लेकिन 1971 में पश्चिमी पाकिस्तान से अलग हुआ और बांग्लादेश नाम से नया मुल्क अस्तित्व में आया. दरअसल बांग्लादेश की स्थापना लोकतांत्रिक देश के रुप में हुई थी, लेकिन बीच में यह देश सैन्य शासन का गवाह भी बना.

साल 1975 में शेख मुजीबुर रहमान की हत्या और सत्ता के तख्तापलट के बाद 15 साल तक यहां सैन्य शासन रहा था और उसके बाद 1990 में एक बार भी इस देश में लोकतंत्र का उदय हुआ. बांग्लादेश में 5.16 करोड़ महिलाओं सहित लगभग 10.42 करोड़ लोग मतदाता हैं. वहीं 40 पार्टियां चुनाव में हिस्सा ले रही हैं और 1848 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रही हैं. देश की कुल जनसंख्या करीब 164.7 मिलियन है और यहां का साक्षरता प्रतिशत 72.89 फीसदी है.

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भारत से कितनी अलग है संसद?

बांग्लादेश की संसद को जॉतीय संसद (हाउस ऑफ द नेशन) कहा जाता है. इसमें कुल 350 सदस्य होते हैं, जिनमें 300 सदस्य वोटिंग के जरिए चुने जाते हैं, जबकि महिलाओं के लिए आरक्षित 50 सीटें वोट शेयर के आधार पर बांटी जाती है. वहीं सरकार बनाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल या मोर्चे को 151 सीटें जीतने की जरूरत होती है. संसदीय चुनाव हर पांच साल में होते हैं.

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कैसे होते हैं चुनाव?

बांग्लादेश की संसद के 300 सदस्य चुनाव के माध्यम से चुने जाते हैं. हालांकि यह चुनाव भारत की तरह ही चुनाव होता है और उम्मीदवार एक ही वोट डालता है. इस दौरान सबसे अधिक वोट हासिल करने वाले उम्मीदवार की ही जीत होती है. प्रधानमंत्री के चयन के बाद उम्मीदवार बांग्ला या अंग्रेजी में शपथ लेता है और कई हिस्सा में ईवीएम के माध्यम से ही उम्मीदवारों का चयन होता है.

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