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Birthday Special: जानिए 'मिल्‍क मैन' वर्गीज कुरियन की सफलता के सफर के बारे में

देश में श्‍वेत क्रांति लाने वाले और 'मिल्‍क मैन' के नाम से मशहूर वर्गीज कुरियन के जन्‍मदिन पर जानें उनकी जिंदगी के खास पहलू...

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Happy Birthday Dr. Verghese Kurien
Happy Birthday Dr. Verghese Kurien

देश में श्‍वेत क्रांति लाने वाले और 'मिल्‍क मैन' के नाम से मशहूर वर्गीज कुरियन के जन्‍मदिन पर जानें उनकी जिंदगी के खास पहलू...

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जन्‍म:
दूध की कमी से जूझने वाले देश को दुनिया का सर्वाधिक दूध उत्पादक देश बनाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्म केरल के कोझिकोड में 26 नवंबर 1921 को हुआ था.

शिक्षा:
वर्गीज ने लॉयला कॉलेज से 1940 में स्नातक करने के बाद चेन्नई के गिंडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से डिग्री ली. जमशेदपुर स्थित टिस्को में कुछ समय काम करने के बाद कुरियन को डेयरी इंजीनियरिंग में अध्ययन करने के लिए भारत सरकार की ओर से स्‍कॉलरशिप दी गई. बंगलुरु के इंपीरियल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हजबेंड्री एंड डेयरिंग में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वे अमेरिका गए. वहां उन्होंने मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी से 1948 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अपनी मास्टर डिग्री हासिल की, जिसमें डेयरी इंजीनियरिंग भी एक विषय था.

कैसे हुई अमूल की शुरुआत :
उनका सपना था - देश को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर करने के साथ ही किसानों की दशा सुधारना. उन्होंने त्रिभुवन भाई पटेल के साथ मिलकर खेड़ा जिला सहकारी समिति शुरू की.वर्ष 1949 में उन्‍होंने गुजरात में दो गांवों को सदस्य बनाकर डेयरी सहकारिता संघ की स्थापना की. भैंस के दूध से पाउडर का निर्माण करने वाले कुरियन दुनिया के पहले व्यक्ति थे. इससे पहले गाय के दूध से पाउडर का निर्माण किया जाता था.

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सफलता का दौर:
अमूल की सफलता पर तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने अमूल मॉडल को दूसरी जगहों पर फैलाने के लिए राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड (एनडीडीबी) का गठन किया और उन्हें बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया. एनडीडीबी ने 1970 में ‘ऑपरेशन फ्लड’ की शुरुआत की जिससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन गया. कुरियन ने 1965 से 1998 तक 33 साल एनडीडीबी के अध्यक्ष के तौर पर सेवाएं दीं. वे 1973 से 2006 तक गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के प्रमुख और 1979 से 2006 तक इंस्टीट्‍यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट के अध्यक्ष रहे.

परिवार:
उनके परिवार में पत्‍नी मौली, बेटी निर्मला कुरियन और पौत्र सिद्धार्थ हैं.

सम्‍मान:
उन्‍हें भारत सरकार ने 1999 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. साथ ही उन्‍हें 1993 में अमेरिका के इंटरनेशनल पर्सन ऑफ द ईयर चुना गया. 1989 में वर्ल्‍ड फूड प्राइज, 1966 में पद्म भूषण, 1965 में पद्म श्री, 1963 में रैमन मैग्सेसे पुरस्कार से भी नवाजा गया

पीछे छोड़ गए ए‍क विजन:
साल 2012 में 90 साल की उम्र में वर्गीज कुरियन ने दुनिया को अलविदा कह दिया. अपने पीछे वह यह सिखाकर गए हैं कि देश में संसाधनों की कमी नहीं है. बस जरूरत है तो आगे बढ़ने के लिए मिलकर सपने देखने और कदम उठाने की.

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