रेसिंग ट्रैक पर दुनिया के सबसे तेज रनर उसेन बोल्ट का जलवा बरकरार है. रियो ओलंपिक में बोल्ट ने अपने करिया का नौवां ओलंपिक गोल्ड मेडल जीता. इस जीत के साथ ही उन्होंने ये मान लिया कि वो 'महान' हैं. 29 साल के बोल्ट रियो ओलपिक में पुरुषों की चार गुणा 100 मीटर रिले रेस की विजेता जमैकाई टीम के फिनिशर रहे. इसके साथ ही जमैका लगातार दूसरा बार इस स्पर्धा का गोल्ड जीतने में सफल रही. आप भले ही दुनिया के सबसे तेज रफ्तार उसेन बोल्ट जैसा नहीं दौड़ सकते, लेकिन आप उनकी जिंदगी से प्रेरणा ले सकते हैं. जानें उसेन के बारे में:
1. बोल्ट एक साधारण परिवार से आते हैं. अपनी बहन, भाई और परिवार की मदद के लिए उन्होंने किराना दुकान पर रम और सिगरेट बेचने का काम किया था. कठिनाइयों के बावजूद उनका लक्ष्य नहीं डिगा, उन्होंने अपनी आत्मकथा में लिखा था कि जवानी के दौरान उनका लक्ष्य कभी नहीं भटका और वो हमेशा खिलाड़ी बनना चाहते थे.
2. बोल्ट जैमेका के शेरवुड कंटेंट से ताल्लुक रखते हैं. वहां पानी की बेहद समस्या है, जिसका सामना बोल्ट और उनके परिवार ने भी किया. तमाम समस्यों का सामना करने वाले बोल्ट आगे बढ़े और नाम रोशन किया. आज वो अपने इलाके के हीरो हैं और वहां के बच्चे उनके जैसा बनने का सपना देखते हैं
3. दुनिया के महानतम एथलीट बोल्ट भी इसी समस्या से परेशान थे. एथलीट से पहले वो क्रिकेट बॉलर बनाना चाहते थे और वकार युनूस उनके पसंदीदा थे लेकिन उन्होंने जो किया पूरी शिद्दत से किया.
4. एथलीट होते हुए भी अच्छा और मनपसंद खाने में कोई बुराई नहीं है और उसेन बोल्ट इसका उदाहरण हैं. उन्होंने अच्छी जिंदगी और काम की मजबूरी को कभी आड़े नहीं आने दिया. बीजिंग ओलंपिक में 100 मीटर फर्राटा दौड़ में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से पहले बोल्ट ने चिकन नगेट्स खाए थे. अपनी प्री-रेस से पहले भी उन्होंने अपने पसंदीदा चिकन नगेट्स खाए, उसके बाद उन्होंने कुछ देर आराम किया और फिर चिकन नगेट्स खाए.
5. 2004 में मांसपेशियों में खिंचाव के बावजूद उन्हें एथेंस ओलंपिक के लिए जैमेका टीम का हिस्सा बनाया गया. अपनी चोट के दौरान वो, 200 मीटर रेस के पहले राउंड में ही बाहर हो गए थे. हार के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दुनिया के सबसे तेज रफ्तार इंसान बने.
6. रियो ओलंपिक 2016 में बोल्ट का जलवा बरकरार है उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर रेस में भी गोल्ड मेडल जीता. बोल्ट ने लगातार तीन ओलंपिक खेलों में इन तीनों इवेंट में गोल्ड मेडल जीत एक नया कीर्तिमान बना चुके हैं.
"ज़रूरी नहीं है कि आप शुरू कहां से करते हैं, ज़रूरी ये है कि आप ख़त्म कैसे करते हैं"
- उसेन बोल्ट