ज्यादातर भारतीय बड़ी कंपनियों में काम करने के लिए या बेहतर भविष्य बनाने के लिए अमेरिका या ब्रिटेन का रूख करते हैं. लेकिन श्रीप्रकाश लोहिया ने अपना करियर बनाने के लिए इंडोनेशिया को चुना. आज फोर्ब्स के अनुसार वह इंडोनेशिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी हैं.
वह इंडोरमा कॉरपोरेशन के मैनजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन हैं. यह दुनिया की बड़ी पॉलिस्टर कंपनियों में से एक है. बता दें कि लोहिया एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते थे और इस बिजनेस के बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानते थे.
इंडोरमा कंपनी की शुरुआत श्रीप्रकाश के पिता मोहन लाल लोहिया ने 1973 में की थी. कलकत्ता में जन्मे श्रीप्रकाश ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स की पढ़ाई की. इसके बाद वह इंडोनेशिया चले गए. उस समय यह देश सुहार्तो के सैन्य शासन में था. बिजनेस के शुरुआती सालों के बारे में श्रीप्रकाश ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 3-4 साल काफी मुश्किल भरे रहे. इसके बाद स्थिति बदलने लगी. चार दशकों में इंडोरमा इंडोनेशिया में सिंथेटिक उत्पादों के लिए जरूरी कच्चा माल बनाने वाली बड़ी कंपनी बन गई थी. इस कंपनी ने अपनी कई ब्रांच उज्बेकिस्तान और थाईलैंड में भी खोली.
1990 के दशक में उन्होंने पोलिएथिलिन टेरीफेथलेट यानी पीईटी के निर्माण क्षेत्र में भी अपना कदम रखा. पीईटी का उपयोग प्लास्टिक की बोतलें बनाने में किया जाता है. बाद में श्रीप्रकाश के छोटे भाई भी इस बिजनेस में आ गए. 2008 में दोनों भाइयों ने अपनी कंपनियों का विलय कर लिया. जिसे अब इंडोरामा वेंचर कहा जाता है. इस कंपनी में श्रीप्रकाश की 34 फीसदी हिस्सेदारी है. कोक और पेप्सी भी इस कंपनी के ग्राहक हैं. यह कंपनी करीब 19 देशों में सालाना 10 अरब डॉलर का व्यापार करती है. श्रीप्रकाश की कुल संपत्ति 4.6 बिलियन डॉलर है और फोर्ब्स के मुताबिक उनका परिवार एशिया के 50 धनी परिवारों मे शामिल है.