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इस तरह सिग्‍नेचर करना होता है खतरनाक...

सभी का साइन करने का अपना एक अलग तरीका होता है. आज हम आपको बताएंगे कि कौन से सिग्नेचर का क्या मतलब होता है.

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जानें क्या कहता है आपका सिग्नेचर...
जानें क्या कहता है आपका सिग्नेचर...

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सिग्नेचर एनालिसिस के मुताबिक, किसी का सिग्नेचर यह बताता है कि वह लोगों के बीच कैसा व्यवहार करता है और खुद को कैसे संभालता है. लेकिन सारी चीजें सिग्नेचर से नहीं पता चलतीं. लोगों का स्वभाव उनके हैंडराइटिंग से भी पता चलता है. जैसे कि, किसी के सिग्नेचर से यह पता चल सकता है कि उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है लेकिन वो व्यक्ति असल में खुश है या नहीं, यह उसकी हैंडराइटिंग से ही पता चलता है. सिग्नेचर अच्छे और बुरे दोनों दोनों तरह के होते हैं. आज हम आपको 5 तरह के सिग्नेचर के बारे में बताएंगे, जिनसे आपको बचना चाहिए.


1.Strike-through signature

यदि आप सिग्नेचर करते वक्त अपना नाम लिखकर उसे काट देते हैं तो आपको जल्द ही अपना सिग्नेचर बदलने की जरूरत है. माना जाता है कि ऐसा सिग्नेचर करने वाले लोग खुद से खुश नहीं होते. उनमें खुद को सजा देने की प्रवृत्ति होती है. 2008 में मुंबई की एक लड़की ने आत्महत्या कर लिया था. उसके सुसाइड नोट से भी ऐसा ही सिग्नेचर मिला था. उसके आत्महत्या करने की वजह यह थी कि वो परीक्षा के लिए अच्छे से तैयार नहीं थी.

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2.Camouflage signature

इस सिग्नेचर का यह मतलब होता है कि आप पहले अक्षर पर सर्कल बनाकर उसे छिपा देते हैं. सिग्नेचर एनालिसिस के मुताबिक, ऐसे साइन करने वाले लोग दूसरों के बीच हमेशा खुद के बचाव में लगे रहते हैं. वो खुद की इमेज को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं. ऐसे लोग दूसरों से ज्यादा बात नहीं करते इसलिए उनके ज्यादा दोस्त भी नहीं होते. उन्हें हमेशा यह डर लगा रहता है कि भावनात्मक रूप से उन्हें कोई चोट पहुंचा देगा. लेकिन हम आपको बता दें कि मुकेश अंबानी का सिग्नेचर भी कुछ ऐसा ही है.


3. Small Signature

बहुत छोटा सिग्नेचर यह दिखाता है कि आपमें रोजमर्रा का काम करने के लिए आत्म-विश्वास की कमी है. ऐसा सिग्नेचर करने वाले लोग सोचते हैं कि उनके पास लुक्स, पैसा, प्रतिभा, सफलता सब चीज की कमी है. उन्हें लगता है कि वो किसी का विरोध नहीं कर पाते इसलिए लोग उन्हें टारगेट बनाते है. इन भावनाओं के चलते बहुत से लोग मनोवैज्ञानिक समस्याओं से जूझने लगते हैं. यदि आप भी ऐसे ही साइन करते हैं तो उसे जल्द बदल दें.


4. Track-back signature

लोगों में यह आदत होती है कि वो साइन करते समय अंतिम अक्षर से बांयी ओर लाइन खींच देते हैं. अंतिम अक्षर से वो पेन भी नहीं उठाते हैं और उसी तरह लाइन खींच देते हैं. माना जाता है कि ऐसा लोग हमेशा अपने बीते हुए कल के बारे में सोचते रहते हैं. बीती चीजें ही उनके दिमाग में घूमती रहती हैं.

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5. Scribbled signature

अपने नाम को घसीट कर लिखने वाले सिग्नेचर को Scribbled signature कहते हैं. ऐसे साइन करने वाले लोग हमेशा जल्दी में रहते हैं. अगर आप उनसे पूछे कि आप ऐसा क्यों करते हैं, तो उनका जवाब होगा कि, मुझे दिन भर में 100 कागजों पर साइन करने होते हैं, मेरे पास समय नहीं रहता. ऐसा साइन करने वालों के दिमाग हाथ से ज्यादा तेज चलते हैं और कुछ लोग तो ऐसा साइन करते वक्त ये सोचते हैं कि मुझे फर्क नहीं पड़ता कि आप मेरा सिग्नेचर समझ पा रहें हैं या नहीं. ऐसा साइन करने वालों से गलतियां बहुत जल्दी होती हैं. बेहतर होगा कि आप ऐसा साइन नही करें और अपना पूरा नाम लिखें. भले ही पूरा नाम लिखने में आपको समय ज्यादा लग सकता है लेकिन आप सब काम सही समय पर पूरा कर पाएंगे.

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