scorecardresearch
 

बजट: एजुकेशन सेक्टर को क्या मिला और क्या हैं उम्मीदें?

1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया जाना है. इस बजट से अलग अलग क्षेत्रों को कई उम्मीदें हैं, जिसमें शिक्षा का क्षेत्र भी शामिल है. एजुकेशन सेक्टर में बच्चों, शिक्षण संस्थानों, शिक्षकों और सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को अलग अलग उम्मीदें हैं.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

Advertisement

1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया जाना है. इस बजट से अलग अलग क्षेत्रों को कई उम्मीदें हैं, जिसमें शिक्षा का क्षेत्र भी शामिल है. एजुकेशन सेक्टर में बच्चों, शिक्षण संस्थानों, शिक्षकों और सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को अलग अलग उम्मीदें हैं. इस साल एजुकेशन सेक्टर को क्या उम्मीदे हैं, यह जानने से पहले जानते हैं कि पिछले साल के बजट में सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को लेकर क्या क्या घोषणाएं की थी....

2017 का बजट

वित्त मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार 2017 के बजट में शिक्षा क्षेत्र को 79686 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो कि 2016 के बजट से महज 8-9 फीसदी ज्यादा था. बता दें कि 2016 में शिक्षा के क्षेत्र में 73599 करोड़ रुपये हाथ लगे थे. बताया जा रहा था कि सातवें वेतन आयोग को लेकर बढ़े सरकारी खर्चे की वजह से एजुकेशन के क्षेत्र में बजट कटौती की थी. अगर कुल बजट के आधार पर बात करें तो साल 2017 में कुल बजट का 3.711 हिस्सा शिक्षा क्षेत्र को दिया गया था, जबकि 2016 में 3.653 हिस्सा शिक्षा के नाम किया गया था.

Advertisement

मौर्य काल से अब तक नहीं बदला है बजट! पहले इस तरह होता था पेश

साथ ही पिछली बार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन को परीक्षाओं के आयोजन से मुक्त करके शिक्षा के स्तर पर ध्यान देने के लिए कहा गया था. साथ ही टेक्सटाइल क्षेत्र में नौकरियां बढ़ाने, शिक्षण संस्थानों को बेहतर बनाने, swayam एजुकेशन पोर्टल खोलने जैसे वादे किए गए थे. बता दें कि swayam वेबसाइट से आप कोर्स के बारे में जानकारी ले सकते हैं.

इस साल क्या है उम्मीदें-

विदेशी शिक्षा मॉडल अपनाएं

इस साल छात्रों को उम्मीदें हैं कि देश में शिक्षा के स्तर में और अधिक बढ़ावा मिले. इसके लिए विकसित देशों का प्लान यहां लागू किया जा सकता है. साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ाया जाना चाहिए. इससे कुछ टेक्नोलॉजी भारत में आ सकेगी और शिक्षा में विदेशी संबंध ठीक होने से यहां से बच्चे विदेश में शिक्षा लेने के लिए जा सकेंगे.

सिर्फ भाषण से ही नहीं, वित्त मंत्री इस तरह पेश करते हैं पूरा बजट

एजुकेशन लोन में छूट और सरलता

उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए एजुकेशन लोन सबसे ज्यादा सहयोग करता है. लेकिन, कई मुश्किल नियमों की वजह से कई लोग इसका फायदा नहीं उठा सकता. वहीं छात्र चाहते हैं कि इसके नियमों में थोड़ी छूट दी जाए और ब्याज की दर में कमी की जाए. कई बार छात्रों से लोन के लिए कई कागज गिरवी रखने के लिए कहा जाता है, जिससे छात्र उसका फायदा नहीं उठा सकते.

Advertisement

मुफ्त शिक्षा

सभी सरकारी और निजी स्‍कूलों को प्राइमरी स्‍तर से मुफ्त शिक्षा के नियम को अच्‍छी तरह से लागू किया जाना चाहिए. सरकार ने पहले भी प्रयास किया है और इसमें और अधिक सुधार किए जाने चाहिए. मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा को इस तरह से लागू किया जाना चाहिए कि सभी के लिए एक समान प्रतियोगिता का स्‍तर तैयार हो सके.

बजट में इजाफा

पिछले बार एजुकेशन बजट में 9 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन वो बहुत कम थी. इस बार 14 फीसदी की बढ़ोतरी आवश्यक है ताकि शिक्षा के स्तर में सुधार हो सके. विशेषज्ञों के अनुसार देश में प्राथमिक शिक्षा की हालत को देखते हुए बजट में एजुकेशन सेक्टर को जबर्दस्त आर्थिक सहयोग की जरूरत है.

बजट से पहले समझिए किस शब्द का क्या होता है मतलब

प्रेक्टिकल पर रहे जोर

देश में थ्योरी की शिक्षा छात्रों को दी जाती है, लेकिन प्रेक्टिकल और प्रशिक्षण के क्षेत्र में भारत अभी पीछे है. इसलिए छात्र चाहते हैं कि बजट में प्रशिक्षण और प्रेक्टिकल की तैयारी पर ध्यान दिया जाना चाहिए. इससे ज्ञान के साथ छात्रों की स्किल में भी बढ़ोतरी हो जाएगी. इसके लिए सरकार को कई प्रोग्रामों का आयोजन करना होगा.

टेक्नोलॉजी में हो बढ़ावा

देश की स्कूलों में आज भी पुराने तरीके से पढ़ाई हो रही है, जिसमें अब बदलाव की आवश्यकता है. दरअसल बच्चों को अब रोचक और टेक्नोलॉजी के माध्यम से पढ़ाए जाने की आवश्यकता है. इससे बच्चे कम समय में अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे.

Advertisement
Advertisement