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3000 हॉस्टल, 25 हजार कमरे, 5 हजार करोड़ की कोचिंग इंडस्ट्री... सपनों के बोझ से सिसक रहा है शहर कोटा

कोटा में हर साल तैयारी के लिए आने वाले छात्रों का आंकड़ा बढ़ता जाता है. साल 2021-22 में यहां 1,15000 कोचिंग के लिए पहुंचे थे, तो वहीं 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 1,77439 हो गई थी. साल 2023-24 में ये आंकड़ा 2,05,000 तक पहुंच गया है. कोटा पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2015 में 17 छात्रों की आत्महत्या से मौत हुई थी.

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कोटा में लगातार बढ़ रहा छात्रों की आत्महत्या का सिलसिला (फाइल फोटो)
कोटा में लगातार बढ़ रहा छात्रों की आत्महत्या का सिलसिला (फाइल फोटो)

इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की तैयारी करने के लिए जब स्टूडेंट घरों से निकलते हैं तो उनकी राह राजस्थान में स्थित कोटा शहर की ओर जाती है. दूर-दराज से मिडिस क्लास फैमिली का सपना आंखों में सजाए किसी के आंख का तारा और प्राणों का प्यारा कोटा के लिए निकलता है.

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उम्मीद होती है कि जब वह आंखों का तार वापस लौटेगा तो घर की सूरत बदल देगा, वह अफसर बन जाएगा, कामयाबी और बुलंदी छुएगा, मगर अफसोस!  इस कोटा से जो खबरें निकल कर आने लगी हैं वो खुशियों की नहीं हैं, वह गम की हैं. उम्मीद के रोशन होने की नहीं, बल्कि घरों के चिराग बुझने की है. कामयाबी की उछाल की नहीं, बल्कि मौत की छलांग लगाने की हैं. हर बंधन-बाधा को काटने की नहीं, बल्कि गले में फंदा लगाकर जान देने की हैं. 

कोटा से जो खबरें आ रही हैं, वह छात्रों के आत्महत्या करने की हैं और ये सिलसिला लगातार चल रहा है.  

कोटा में हर साल आने वाले छात्रों का आंकड़ा
कोटा में हर साल तैयारी के लिए आने वाले छात्रों का आंकड़ा बढ़ता जाता है. साल 2021-22 में यहां 1,15,000 कोचिंग के लिए पहुंचे थे, तो वहीं 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 1,77,439 हो गई थी. साल 2023-24 में ये आंकड़ा 2,05000 तक पहुंच गया है. कोटा पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2015 में 17 छात्रों ने आत्महत्या की थी. इस बाद 2016 में 16, 2017 में सात, 2018 में 20 और 2019 में आठ छात्रों ने आत्महत्या की.

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इसी साल अगस्त तक 25 छात्रों ने की आत्महत्या
2020 और 2021 के महामारी वर्षों में आत्महत्या में गिरावट देखी गई. 2020 में जहां चार छात्रों की मौत हुई तो वहीं 2021 में आत्महत्या से एक भी मौत दर्ज नहीं की गई, क्योंकि लॉकडाउन के कारण छात्रों ने शहर छोड़ दिया था. 2022 में यह आंकड़ा फिर 15 पर पहुंच गया. इसी साल अगस्त तक 25 छात्रों ने आत्महत्या की है. पिछले दिसंबर में पेश किए गए डेटा असेंबली के अनुसार, 87 प्रतिशत आत्महत्याएं छात्रों और 13 प्रतिशत आत्महत्याएं छात्राओं द्वारा की गईं हैं. यहां छात्र ज्यादातर इन पांच राज्यों, बिहार, यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान से हैं.

5000 करोड़ की है कोचिंग इंडस्ट्री की नेटवर्थ
कोटा में कोचिंग इंडस्ट्री की कुल नेटवर्थ लगभग 5,000 करोड़ रुपये के करीब है. यहां लगभग 3,000 हॉस्टल, 1,800 मेस, 25,000 पीजी कमरे हैं. पिछले साल, 2.74 मिलियन भारतीय इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में बैठे, और 64,610 स्थानों के लिए प्रतिस्पर्धा की. इनमें से 2.6 मिलियन से अधिक असफल रहे. विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में छात्रों की संख्या में 35 से 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

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हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष बोले- छात्रों के लिए शुरू की जा रही हैं कई गतिविधियां
कोटा में लगातार हो रहे आत्महत्या के मामलों पर हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने कहा 'हमने जिला प्रशासन के साथ बैठक की और हमने महत्वपूर्ण कदम उठाने का फैसला किया. कोटा में लगभग 3,000 हॉस्टल और हजारों की संख्या में पीजी हैं. सभी को कमरों में प्रेरक पोस्टर लगाना अनिवार्य किया गया है. रात्रि भोज एवं दोपहर के भोजन के समय अनिवार्य उपस्थिति ली जायेगी. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जब कोई बच्चा भोजन से परहेज करना शुरू कर देता है तो इसका मतलब है कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. हम छात्रों का माइंड फ्रेश करने के लिए वाटर पार्क, सिनेमा और अन्य गतिविधियों में ले जा रहे हैं.'

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आत्महत्या पर क्या बोले नितिन विजय
आत्महत्या को लेकर, एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के मालिक और छात्रों के बीच मशहूर नितिन विजय ने भी अपनी बात रखी. बता दें कि टीवीएफ की मशहूर वेबसीरीज कोटा फैक्ट्री नितिन विजय के जीवन पर ही आधारित है. उन्होंने कहा कि 'विद्यार्थियों को एक अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में कार्य करना चाहिए. जो छात्र प्रतिदिन 12 घंटे पढ़ाई कर सकता है वह हमेशा सफल होगा. छात्रों और अभिभावकों की यही आकांक्षा उन्हें आत्महत्या की ओर ले जा रही है.

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लॉकडाउन के बाद एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया शुरू हो गई है. जब छात्र कड़ी मेहनत के बाद भी सफल नहीं होते हैं तो वे खुद पर बहुत दबाव डालते हैं. हम अभिभावकों से कहते हैं कि वे केवल अपने उन्हीं छात्रों को कोटा भेजें जो केवल इंजीनियर और डॉक्टर बनाना चाहते हैं, किसी अन्य पेशे के लिए नहीं.'

हाल ही में कोटा में एक ही दिन में दो छात्रों की मौत हो गई. एक छात्र आविष्कार ने टेस्ट देने के बाद अपने ही कोचिंग संस्थान के छठे माले की रेलिंग से नीचे छलांग लगा दी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. दूसरा छात्र मृतक आदर्श बिहार का निवासी था उसने भी नंबर कम आने के डर से अपने ही कमरे में पंखे से लटक कर मौत को गले लगा लिया.

क्या नाकाम साबित हो रहे हैं प्रशासन के आदेश?
छात्रों के बढ़ते सुसाइड के मामलों को देखते हुए हफ्ते भर पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कोचिंग संस्थानों की मीटिंग ली थी. जिला प्रशासन भी अलग-अलग प्रयास करता दिख रहा है. पिछले हफ्ते में जब कोचिंग छात्र ने सुसाइड किया तो जिला प्रशासन ने पंखों में एंटी सुसाइड डिवाइस लगाने के आदेश निकाले थे और अब आज दो कोचिंग छात्रों ने सुसाइड किया तो जिला कलेक्टर का एक और आदेश सामने आया है. प्रशासन के आदेश नाकाम साबित हो रहे हैं क्योंकि प्रशासन के आदेशों के और प्रयासों के बावजूद भी छात्र तो सुसाइड कर ही रहे हैं.

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अगले दो माह तक टेस्ट न लेने के आदेश
जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने नए आदेश जारी किए हैं, जिसके तहत आगामी दो माह तक किसी प्रकार के कोई भी टेस्ट नहीं लिए जाएंगे. पंखों में एंटी सुसाइड डिवाइस लगाए जाएं इससे छात्रों के सुसाइड के मामले थमेंगे, ऐसा प्रशासन का मानना है. वहीं, हफ्ते के 7 दिन में एक दिन छात्र बिल्कुल फ्री रहे. न वह क्लास जाए और न ही उसका कोई टेस्ट लिया जाएगा. इसके साथ ही अब 2 महीने तक छात्रों का कोई भी टेस्ट नहीं होगा. प्रशासन ने टेस्ट पर भी रोक लगाई है. 

रविवार को महाराष्ट्र के छात्र ने की थी आत्महत्या
बता दें कि रविवार को महाराष्ट्र निवासी छात्र आविष्कार ने कोचिंग संस्थान की ही छठी मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी. छात्र के बिल्डिंग से छलांग लगाने वाली दिल दहलाने वाली लाइव तस्वीरें सामने आई थी. पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई. सीसीटीवी वीडियो में छात्र ऊपर जाते हुए भी नजर आया था. आत्महत्या के कारणों की फिलहाल स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है, हालांकि मृतक छात्र के नाना-नानी कोटा में ही रहते हैं. 

बिहार के छात्र आदर्श ने भी दी जान
वहीं, रविवार को ही बिहार के छात्र आदर्श ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. टेस्ट में नंबर कम आने के डर से आदर्श ने अपने ही कमरे में पंखे से लटक कर मौत को गले लगा लिया. आदर्श के भाई-बहन जब कमरे में पहुंचे तो उसके पंखे से लटक कर सुसाइड करने की जानकारी मिली. मौके पर पहुंची पुलिस ने आदर्श के शव को नीचे उतारकर एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. 

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आत्महत्या पर पुलिस ने कही ये बात
विज्ञान नगर थाना अधिकारी दिवेश भारद्वाज ने बताया, रिलायबल कोचिंग के एक छात्र के छत से गिरने की सूचना मिली थी. हम जब यहां पहुंचे तो पता चला कि अविष्कार नाम का छात्र नीट की तैयारी करने आया हुआ था. छात्र छठी मंजिल की रेलिंग से नीचे कूदा है. पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी थी और मामले की जांच करने की बात कही थी. छात्र अहमद नगर लातूर, महाराष्ट्र का रहने वाला था, नाना नानी छात्र के साथ ही रहते थे.

पुलिस-प्रशासन पर उठ रहे सवाल
कोटा में इस साल के 8 महीने में ही 25 कोचिंग छात्र सुसाइड कर चुके हैं, हालांकि पुलिस कोचिंग स्टूडेंटस की रोकथाम के लिए पुलिस और प्रशासनिक विभाग द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन तमाम प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं. सवाल प्रशासन पर भी उठता है.क्योंकि प्रशासन की जिम्मेदारी है कि अगर कोई गाइडलाइन वह जारी करता है तो उसको फॉलो भी करवाना चाहिए. शिक्षा नगरी में प्रशासन की गाइडलाइन कहीं फॉलो होती हुई नजर नहीं आती.

प्रशासन समय-समय पर अलग-अलग आदेश तो दे रहा है पर क्या प्रॉपर मॉनिटरिंग हो रही है. प्रशासन का सख्त आदेश था कि 7 दिन में एक दिन बच्चों का कोई टेस्ट नहीं लिया जाएगा वह एक दिन प्रॉपर रेस्ट करेगा उससे उसका डिप्रेशन कम होगा. सवाल उठता है कि 7 दिन में एक दिन क्या छात्र प्रॉपर फ्री रह पा रहे हैं, इसकी जांच पुलिस कर रही है. 

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कोटा में कोचिंग विद्यार्थियों में तनाव कम करने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करने को लेकर प्रमुख शासन सचिव शिक्षा एवं राज्य स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष भवानी सिंह देथा ने सोमवार को वीसी के माध्यम से प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों एवं हॉस्टल व कोचिंग संस्थानों के साथ बैठक कर निर्देशों की समीक्षा की.

प्रमुख शासन सचिव ने विद्यार्थियों के तनाव एवं आत्महत्या के मामलों पर नाराजगी जताते हुए विद्यार्थियों में तनाव कम करने के लिए कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टलों को गाइडलाइन के पालन के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने विद्यार्थियों में आत्महत्या के तात्कालिक कारण तलाश करते हुए तनाव कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाते हुए स्थाई कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए.

जिला कलक्टर ओपी बुनकर ने कहा कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को प्रभावी रूप से पालन कराया जाएगा. तनाव के कारणों को दूर करते हुए प्रत्येक रविवार को फन-डे मनाया जाएगा. उन्होंने विद्यार्थियों को मानसिक दबाव कम करने के लिए कोचिंग संचालकों को प्रभावी कार्ययोजना बनाकर धरातल पर समय पर लागू करने के निर्देश दिए. बैठक में तय हुआ कि राज्य स्तरीय समिति द्वारा 2 सितंबर को कोटा में बैठक आयोजित की जाएगी.

ये लिए निर्णय
जिला कलक्टर ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि अगले 2 महीने तक किसी भी कोचिंग में कोई भी टेस्ट, कोई भी एग्जाम नहीं होगा. इससे विद्यार्थियों में मासिक टेस्ट में पिछड़ने का तनाव खत्म हो जाएगा. उन्होंने बताया कि हर बुधवार को हाफ टाइम ही क्लास लगेगी, बाकी हाफ टाइम में पढ़ाई की जगह मनोरंजक गतिविधियां होंगी. इससे विद्यार्थियों में तनाव कम होगा.

मोटिवेटर्स लेंगे क्लास
कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों में तनाव कम करने के लिए किसी अच्छे वक्ता या मोटिवेटर की ऑनलाइन क्लास करवाकर उसका वीडियो यूट्यूब पर डालेंगे ताकि उसका लाभ सभी को मिल सके. कोचिंग में कोर्स कम करने को लेकर भी कोचिंग संचालकों से बात की है. सभी कोचिंग संस्थान से विषय विशेषज्ञों के नाम मांगे गए हैं.

साइकोलॉजिस्ट से कराएंगे काउंसलिंग
विषय विशेषज्ञ की समिति बनाकर विद्यार्थियों के लिए कोर्स कम करने का सुझाव लेंगे. उन्होंने बताया कि जो विद्यार्थी डाउटफुल हैं, जो एग्जाम में नहीं बैठे, परफॉर्म कम कर रहे हैं या लगातार अनुपस्थित हो रहे हैं, ऐसे विद्यार्थियों को चिह्नित करके साइकोलॉजिस्ट के माध्यम से काउंसलिंग करवाई जाएगी. जिला कलक्टर ने बताया कि एक गूगल फॉर्म डेवलप किया है इसके जरिए सभी विद्यार्थियों को प्रतिदिन टेस्ट देना पड़ेगा. इसके जरिए स्टूडेंट के डाउट आईडेंटिफाई किए जाएंगे.

स्टूडेंट थाना का प्रस्ताव भेजेंगे
सिटी एसपी शरद चौधरी ने कहा कि 2 महीने पहले स्टूडेंट सेल का गठन किया था. अब इस स्टूडेंट सेल को और बड़ा करना चाहते हैं. इसके लिए स्टूडेंट थाना खोलने के लिए प्रस्ताव बनाकर इसी सप्ताह उच्च अधिकारी को भेजेंगे. जैसे ट्यूरिस्ट थाना, साइबर थाना है, उसी तरह से स्टूडेंट थाना भी खुलेगा. कोचिंग विद्यार्थियों को मानसिक सम्बल एवं सुरक्षा प्रदान करने के क्रम में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेस में दिए निर्देशों को पालन कराने को लेकर 1 सितम्बर शाम 4:30 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की जाएगी. 

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