राजस्थान और मध्य प्रदेश से हजारों छात्र उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ हाई स्कूल और इंटरमीडिएट एग्जामिनेशन 2016-17 लिए रजिस्टर करा रहे हैं. मतलब कि वे यूपी से 10वीं और 12वीं की परीक्षा देना चाहते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका कारण यूपी बोर्ड की उम्दा पढ़ाई नहीं है बल्कि वहां आसानी से होनी वाली नकल है. शिक्षा से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि यह बात तब सामने आई जब आगरा में 4,000 छात्रों ने स्विच करने की अर्जी दी.
एजुकेशन डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया, 'मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई छात्रों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट संदेह के घेरे में हैं. कईयों में जिला शिक्षा अधिकारी के साइन ही नही हैं. कुछ अन्य में, स्टैंप धुंधली है तो किसी में छात्र का विवरण साफ नहीं है. ऐसे कई केस हमारे संज्ञान में हैं और हमने उनसे असली डॉक्यूमेंट्स मांगे हैं.'
UP: बोर्ड परीक्षा में नकल के साथ हो रही है वसूली भी
सूत्रों के अनुसार जिले के बाहरी हिस्सों में स्थित यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्राइवेट कॉलेजों में नकल कराने वाले कई माफिया सक्रिय हैं, जो इन कॉलेजों में धड़ल्ले से नकल कराते हैं. पास कराने के लिए वे 15 से 20 हजार की कीमत वसूलते हैं.
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आगरा के सीनियर सेकेंडरी डिपार्टमेंट ऑफिस को ऐसी कई शिकायतें मिलती हैं. ये शिकायतें मुख्य रूप से बाह, जैत पुर कलान, फतेहपुर सीकरी, खेरागढ़, किरोली आदि क्षेत्रों से आती हैं.