जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के ट्रांसडिसिप्लिनरी रिसर्च कार्यक्रम ‘डिजास्टर रिसर्च प्रोगाम (DRP)’ ने 7 जनवरी 2016 को गुड़गांव के डिप्टी कमीश्नर टी.एल सत्यप्रकाश के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर अपने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम की शुरुआत की.
इस कार्यक्रम की शुरुआत का उद्देश्य आपदा प्रंबधन से जुड़े विभिन्न विभागों के साथ, सूचना तकनीकी के माध्यम से सूचनाओं के आदान प्रदान को बढ़ावा देना है ताकि आपदा प्रंबधन में आईसीटी (इन्फॉर्मेशन, कम्यूनिकेशन एंड टेक्नाेलॉजी) की अवधारणा को मजबूती दी जा सके. यह कार्यक्रम अकादमिक संस्थान की उस कमी को पूरा करने की कोशिश करेगा, जिसके तहत आपदा प्रंबधन में अकादमिक संस्थानों की भूमिका को नगण्य माना जाता रहा है.
यह कार्यक्रम आपदा प्रंबधन के नीति निर्माण में अकादमिक अनुभवों की भागीदारी सुनिश्चित करेगा. डिजास्टर रिसर्च प्रोगाम देश में आपदा अध्ययन के क्षेत्र में अपनी तरह का पहला केन्द्र है, जो प्रशासन, शोध, प्रशिक्षण और सलाहकारी संस्था के रूप में काम कर रहा है. ऐसे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उसकी पहुंच को आपदा प्रंबधन के विभिन्न स्तरों तक पहुंचाएगी.
इस कार्यक्रम में आपदा प्रंबधन में आईसीटी (इन्फॉर्मेशन, कम्यूनिकेशन एंड टेक्नाेलॉजी) की अवधारणा के तहत डेटा एकत्रित कर, मानचित्रों के उपयोग से आपदा की गंभीरता का आकलन कर आपदा के लिए पूर्व चेतावनी देना है ताकि ऐसी स्थिति का सामना करने की तैयारी की जा सके.
इस अवसर पर डिप्टी कमीश्नर गुड़गांव ने जेएनयू के साथ मिलकर मॉक ड्रिल करने का प्रस्ताव भी दिया. उन्होंने अपने विभाग के साथ आपदा प्रंबधन में शोध कर रहे छात्रों को इंटर्नशिप कार्यक्रम के प्रस्ताव दिए हैं ताकि छात्रों के पास आपदा प्रंबधन से जुड़े व्यवहारिक अनुभव हों और भविष्य में आपदा प्रबंधन में इनका उपयोग किया जा सके. डिप्टी कमीश्नर ने आपदा प्रंबधन के व्यवाहरिक सवालों पर अकादमिक शोध को बढ़ावा देने के लिए भी जोर दिया. जेएनयू के कुलपति प्रो. एस के सपोरी ने ‘डिजास्टर रिसर्च प्रोगाम (डीआरपी)’ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की शुरुआत के लिए बधाई दी.