वैसे तो आजादी के आंदोलन में बहुतों ने अपना सब-कुछ आहुत कर दिया लेकिन नेताजी द्वारा बनाए गए इंडियन नेशनल आर्मी से जुड़ी लक्ष्मी सहगल की बात ही कुछ और थी. उन्हें दुनिया बाद के दिनों में भी कैप्टन लक्ष्मी के नाम से जानती रही. वह एक स्वतंत्रता सेनानी थीं जो बाद के दिनों में भी राजनीतिक रूप से सक्रिय रहीं. वो साल 2012 में 23 जुलाई के रोज दुनिया को अलविदा कह गयीं.
1. वह साल 1938 में 24 साल की उम्र में डॉक्टर बनीं.
2. साल 1943 में INA से जुड़ीं और झांसी की रानी रेजीमेंट बनाई. यह महिलाओं से सजी ब्रिगेड थी.
3. उन्हें साल 1945 में ब्रितानी हुकूमत ने गिरफ्तार कर लिया और करीब साल भर तक बर्मा में रखा.
4. उन्हें साल 1998 में पद्म विभूषण से नवाजा गया.
5. उन्हें साल 2002 में ए पी जे अब्दुल कलाम के सामने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया था.