'शिक्षा में तकनीक का इस्तेमाल' विषय पर दिल्ली के वसंत वैली स्कूल में बुधवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें दिल्ली और देशभर के 80 स्कूलों ने हिस्सा लिया.
लर्न टुडे इनिशिएटिव के तहत आयोजित इस समिट में शिक्षा के सभी स्तर पर नई तकनीक के इस्तेमाल को लेकर बात हुई. इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि नई तकनीकों की मदद से नई पीढ़ी में अधिक सीखने और अधिक खोज करने की चाहत देखने को मिल रही है.
आईसीटी इनिशिएटिव, लर्न टुडे की हेड दिप्ती साहनी कहती हैं, 'स्कूलों को आधुनिक तकनीकों के बारे में बताया जा रहा है. कई बड़ी आईटी कंपनियों के प्रतिनिधियों से शिक्षा में तकनीक का इस्तेमाल पर जानकारी देने के लिए बुलाया गया. प्रतिनिधियों ने बताया कि कैसे स्कूल प्रबंधन सॉफ्टवेयर के प्रयोग से अपना समय बचा सकते हैं.'
दीप्ति ने आगे कहा, 'इन सॉफ्टवेयर की मदद से बच्चे, शिक्षक, पैरेंट्स हर कोई आपस में जुड़ा रह सकता है. यहां रोबोटिक्स के बारे में भी बताया जा रहा है कि कैसे बच्चे खुद अपना टैलेंट दिखाकर नई-नई चीजे बनाएंगे. इसका लाभ यह होगा कि जिन बच्चों को पहले मैथ्स पढ़ना अच्छा नहीं लगता था, वो अब घंटो चाव के साथ मैथ्स के प्रॉब्लम सॉल्व करेंगे, क्योंकि अब यह किताब की जगह एक गेम की मदद से उनके सामने होगा.'
जाहिर तौर पर समय के साथ-साथ एजुकेशन में भी टेक्नोलॉजी का महत्व बढ़ा है. टेक्नोलॉजी स्कूल प्रबंधन के साथ ही बच्चों की पढ़ाई को भी नए आयाम दे सकती है.