scorecardresearch
 

थ्योरी ऑफ रिलेटिवि‍टी को प्यार से कैसे जोड़ गए आइंस्टीन, जानें यहां

विज्ञान और प्यार, दो अलग ध्रुव माने जाते हैं. लेकिन दोनाें के बीच कई बार इमोशनल कैमिस्ट्री भी गजब की निकल कर आती है. अगर यकीन न आए तो महान वैज्ञानिक आइंस्टीन की प्यार के बारे में ये बातें जरूर जानें -

Advertisement
X
love theory
love theory

ऐसा माना जाता है कि विज्ञान और दिल की दुनिया बिल्कुल अलग होती है. बात सही भी है. जब हम किसी को चाहने लगते हैं तो वहां तर्कों की अहमियत कम हो जाती है. लेकिन अगर साइंस से प्यार हो तो बिना तर्क के एक थ्योरी भी समझ में नहीं आती है.

साइंस हमें लगातार सवाल करना सि‍खाता है. अब प्यार हमें क्या सि‍खाता है, इसका तो जवाब हर किसी के पास अपना ही होगा. वैसे, वैलेंटाइंन डे पर अपने प्यार का इजहार करने वाले लोग अभी से सोचना शुरू कर चुके होंगे कि उन्हें उस दिन क्या कहना है?

बहरहाल इस मौके पर जानिए कि प्यार के बारे में महान वैज्ञानिक आइंस्टीन का क्या कहना है....

Advertisement

1. एक दूसरे के प्यार में पड़ने के लिए गुरुत्वाकर्षण को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.

2. मुझे किसी को जरूर प्यार करना चाहिए, अगर मैं ऐसा नहीं करूंगा तो यह मेरे होने पर ही बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह होगा. और मैं जिस भी किसी की बात कर रहा हूं वह तुम हो.

3. तुम जब भी मेरे साथ नहीं होते हो मुझे ऐसा लगने लगता है कि मैं अधूरा हूं.

4. मैं तुम्हारे बगैर कभी जीने लायक हो पाऊंगा या नहीं, यह मैं बता नहीं सकता? तुम ही मेरी सब कुछ हो. तुम्हारे बिना मेरे अंदर जरा भी आत्मविश्वास नहीं रहता है, न ही किसी काम को करने की इच्छा होती है और न जिंदगी जीना ही अच्छा लगता है. अगर संक्षिप्त में कहूं तो तुम्हारे बिना मेरा जीना बेकार है.

Advertisement

5. किसी जलते हुए स्टोव के ऊपर अपना हाथ एक मिनट के लिए रखना हो तो ऐसा लगने लगेगा कि घंटों बीत गए हैं. वहीं, अगर किसी अच्छी लड़की के साथ घंटोंं बैठने के बाद यही लगता है कि एक मिनट भी तो नहीं बीता. यही सापेक्षता (Relativity) है.

Advertisement
Advertisement