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केजीएमयू बन रहा है मुन्नाभाई तैयार करने का हब

आठ महीने के अंदर घटित तीन घटनाओं के साबित कर दिया है किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) मुन्नाभाई डॉक्टर बनाने का हब बनता जा रहा है.

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आठ महीने के अंदर घटित तीन घटनाओं के साबित कर दिया है किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) मुन्नाभाई डॉक्टर बनाने का हब बनता जा रहा है.

इससे पहले 2002-2006 में भी दो शिक्षकों और 30 स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी से ऐसी ही स्थित उत्पन्न हो गई थी. ये टीचर्स और स्टूडेंट्स पेपर लीक, सीट फिक्सिंग रैकेट्स, फॉर्जरी से लेकर किडनेपिंग तक के मामले में शामिल थे.

दिल्ली, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और वेस्ट बंगाल के मेडिकल एग्जाम में केजीएमयू के स्टूडेंट्स पेपर सोल्वर के तौर पर फर्जीवाड़े में शामिल थे. इन स्टूडेंट्स के खिलाफ यूनिवर्सिटी कड़े कदम उठा रही है.

यूपी एसटीएफ ने मुन्ना भाई रैकट को पकड़ा है. ये रैकेट कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट में हिस्सा लेने वाले कुछ उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र मुहैया करवा रहे थे. एसटीएफ ने लखनऊ से कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. उनमें से तीन एमबीबीएस और एक बीटेक स्टूडेंट भी शामिल है. इन पर सीपीएमटी पेपर लीक करने का आरोप है. रैकेट चलाने वाला मुख्य अपराधी का नाम राशिद है. बताया जा रहा है कि यह बेंगलुरू से पूरे रैकेट को चलाता है.

अक्टूबर 2014 में केजीएमयू के दो शिक्षकों, स्टाफ मेंबर्स, करियर कंसल्टेंट और कोचिंग मालिकों पर एमबीबीएस रैकेट चलाने का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज किया गया था.

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