नीमच में चाय की दुकान लगाने वाले सुरेश गंगवाल की बेटी आंचल गंगवाल ने फ्लाइंग ऑफिसर बनकर परिवार के साथ साथ पूरे मध्यप्रदेश का मान बढ़ाया है. आंचल गंगवाल के मुताबिक वो बचपन से ही एयरफोर्स में जाना चाहती थी और अपने माता-पिता को ये बात बता चुकी थीं. आंचल के मुताबिक एयरफोर्स में जाने के लिए उन्होंने दो सरकारी नौकरी तक छोड़ दी थी.
आंचल गंगवाल पहले मध्य प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर रही थीं. फिर उसके बाद लेबर इंस्पेक्टर के रूप में जॉब किया लेकिन आंचल का लक्ष्य एयरफोर्स ही था. लिहाजा उन्होंने नौकरी के दौरान ही इसकी तैयारी जारी रखी और आखिरकार वायुसेना के लिए उनका सेलेक्शन हो गया.
आंचल को हालांकि इस बात का मलाल है कि पासिंग आउट परेड में उनके माता-पिता शामिल नहीं हो सके लेकिन उन्होंने इसका लाइव टेलीकास्ट देख लिया. बता दें कि आंचल के पिता आज भी नीमच में चाय की दुकान चलाते हैं और मां घर में सिलाई का काम करती हैं.
'बेटी ने सपना पूरा किया'- पितानीमच में चाय की दुकान लगाने वाले सुरेश गंगवाल जी की बेटी आंचल अब वायुसेना में फाइटर प्लेन उड़ायेगी।
मध्यप्रदेश को गौरवान्वित करने वाली बेटी आंचल अब देश के गौरव और सम्मान की रक्षा के लिए अनंत आकाश की ऊंचाइयों में उड़ान भरेगी।
बेटी को बधाई, आशीर्वाद और शुभकामनाएं! pic.twitter.com/hG0ve9quIV
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 22, 2020
आंचल के पिता सुरेश गंगवाल ने 'आजतक' से बातचीत करते हुए कहा कि 'मेरी बेटी ने मेरा सपना पूरा किया है. हम जैसे बेहद कम कमाई वाले लोगों के सामने कई तरह की समस्या होती है लेकिन मेरी बेटी ने हिम्मत नहीं हारी और मैंने भी कभी बच्चों को ये पता नहीं चलने दिया कि पढ़ाई का पैसा कहां से ला रहा हूं'.
रौशन थी धरती तुझसे, अब रौशन होगा आसमां भी।
दुआओं पर परवाज करो, रौशन कर दो जहां भी।
अंधेरों को चीरकर फिर एक बेटी 'आंचल' ने रच दिया है इतिहास
ऐसे ही बढ़ती रहें बेटियां, यही तो हैं हम सबका गौरव और अभिमान भी।
बेटी आंचल को स्नेह और आशीर्वाद! माता-पिता को बहुत-बहुत बधाई! pic.twitter.com/juZYfdCVZZ
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 22, 2020
मुख्यमंत्री शिवराज ने भी किया ट्वीट
मध्यप्रदेश की बेटी आंचल गंगवाल की सफलता पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि 'रौशन थी धरती तुझसे, अब रौशन होगा आसमां भी. दुआओं पर परवाज करो, रौशन कर दो जहां भी. अंधेरों को चीरकर फिर एक बेटी 'आंचल' ने रच दिया है इतिहास. ऐसे ही बढ़ती रहें बेटियां, यही तो हैं हम सबका गौरव और अभिमान भी. बेटी आंचल को स्नेह और आशीर्वाद! माता-पिता को बहुत-बहुत बधाई'.