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मनीष सिसोदिया: NCERT किताबों में जताई आपत्ति, किताब लिखते वक्त दे बच्चों पर ध्यान

NCERT की 54वी काउंसिल बैठक में दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने किताबों को लेकर एक समीक्षा रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट में सिसोदिया ने किताबों के चेप्टर, प्रिजेंटेशन और भाषा पर आपत्ति जताई है.

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मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया

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NCERT की 54वी काउंसिल बैठक में दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने किताबों को लेकर एक समीक्षा रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट में सिसोदिया ने किताबों के चेप्टर, प्रिजेंटेशन और भाषा पर आपत्ति जताई है. काउंसिल बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और कई राज्यों के शिक्षा अधिकारी भी मौजूद रहें. इस दौरान ज्यादातर राज्यों के अधिकारियों ने किताबों में बदलाव का सुझाव दिया है.

किताब लिखते समय रखें बच्चों का ध्यान
मीडिया से बात करते हुए मनीष सिसोदिया ने बताया कि देश के सारे बच्चे NCERT की किताब पढ़ते हैं. इन किताबों में बहुत गलतियां हैं, जिसे लेकर बैठक में चर्चा हुई कि किताब में किसी चेप्टर को रखने का मकसद, उसकी भाषा या प्रिजेंटेशन कैसा हो. उनका कहना है कि किताबों का फ्लेवर न राइट विंग रहना चाहिए और न लेफ्ट विंग. किताब लिखते वक़्त सिर्फ बच्चों के बारे में सोचना चाहिए.

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सिर्फ रट्टा नहीं एक्टिविटी भी कराई जाएं
उन्होंने कहा, "दिल्ली में 200 टीचर के साथ मिलकर NCERT किताबों की समीक्षा की थी. इसकी पूरी रिपोर्ट काउंसिल बैठक में रखी गई है. विज्ञान, गणित की किताबों में जानकारी सिर्फ लिखी गई है, जबकि एक्टिविटी ज्यादा होना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि किताबों में लिखा है 'आइये याद करें' जिस पर हमने पूछा है कि क्या हम बच्चों को रट्टा कराना चाहते हैं?"

कविताओं पर भी जताया विरोध
NCERT की किताबों में पढ़ाई जाने वाली कई कविताओं पर भी विरोध जताया गया. उनके मुताबिक एक मेंढक की कविता में महिला के कर्व्स कैसे आते हैं इसका जिक्र है, जो ठीक नही है. बच्चों के सामने इमेजिनेशन के लिए कविताएं रखी जाती है, लेकिन ऐसी कविताएं सही नही है. उन्होंने इन तमाम चेप्टर को NCERT के कोर्स से हटाने के लिए कहा है.

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