देश में सबसे खराब नक्सल प्रभावित स्थानों में से एक छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बस्तर जिले में पहला बीपीओ कॉल सेंटर खोला गया. जिसमें 400 आदिवासी युवाओं को रोजगार दिया गया है. बीपीओ में काम करने के लिए योग्यता 10वीं और 12वीं रखी गई है. युवाओं को 4 हजार रुपये मासिक आय दिया जा रहा है.
बता दें, बीपीओ में नौकरी मिलने से पहले युवाओं को ट्रेनिंग दी गई थी. जिसमें उन्हें टाइपिंग, टेक्नोलॉजी और अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग दी गई थी. साथ लोगों के साथ व्यवहार करने के तरीके को भी बताया गया.
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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रोजेक्ट- इंचार्ज सौम्या चक्रवर्ती का कहना है कि बीपीओ में युवाओं के बेहतर काम को देखते हुए उन्हें और ज्यादा सैलरी मिल सकती है. बता दें, इस बीपीओ में दो इंटरनेशनल कंपनी के साथ कम से कम 10 कंपनियों ने रोजगार देने के लिए रुचि दिखाई है.
वहीं दंतेवाड़ा के कलेक्टर सौरभ कुमार ने कहा, 'कॉल सेंटर खोलने का मकसद यहां के युवाओं रोजगार देना प्राप्त करवाना था'. उन्होंने कहा बीपीओ को खोलने में कठिनाइयां आई थीं, लेकिन अधिकारियों की मदद से इसे खोला जा सका.
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सौम्या चक्रवर्ती ने बताया कि बीपीओ में काम करने के लिए युवाओं को और ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वह बेहतर काम कर सके. ट्रेंनिग में उनकी अंग्रेजी टाइपिंग को सुधारा जाएगा. वहीं उन्हें लास्ट ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद भेजा जाएगा.
बता दें, कॉल सेंटर में 1000 उम्मीदवारों के लिए वैकेंसी खाली है. जिसमें से 400 उम्मीदवारों को हायर कर लिया गया है. वैकेंसी के अगले चरण के लिए जल्द ही हायरिंग शुरू की जाएगी.
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वहीं राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में रोजगार का ये पहल सराहनीय है क्योंकि इन इलाकों में रोजगार अब तक बड़ी समस्या रही है. ऐसे में यहां के युवाओं को आगे बढ़ने का एक बढ़िया मौका मिला है. जिससे उनके भविष्य में सुधार आएगा.