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छात्रों की मुश्किल बढ़ी, अब मुखर्जी नगर में नहीं मिलेंगे किराये के घर!

मुख़र्जी नगर में अब स्‍टूडेंट्स को रहने के लिए किराए पर घर नहीं मिलेंगे. इसके लिए मुखर्जी अपार्टमेंट रेजीडेंट एसोसिएशन ने हाल ही में नोटिस जारी किया है.

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Representational Image
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दिल्ली के मुखर्जी नगर में स्टूडेंट्स को अब रेंट पर घर नहीं मिलगे. मुखर्जी अपार्टमेंट रेजीडेंट एसोसिएशन (MARA) ने नोटिस जारी कर सभी घर मालिकों से ये अपील की है कि वो छात्रों को किराए पर घर न दें.

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एसोसिएशन के इस नोटिस ने डीयू में पढ़ रहे छात्रों की परेशानी बढ़ा दी है, इस नोटिस में कहा गया है कि डीयू में पढ़ रहे छात्रों को किराये पर मकान नहीं दिया जाए. मुखर्जी नगर अपार्टमेंट रेजिडेंट एसोसिएश के अध्यक्ष अलोक रंजन के मुताबिक, ' रेजी‍डेंशियल इलाकों में लगातार छात्रों को किराये पर मकान या पीजी देने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है. मुख़र्जी नगर में भी हर दूसरे-तीसरे घर में कोई पीजी या छात्रों को किराये का कमरा दिया गया है. लेकिन इन किरायेदार छात्रों की वजह से रेजी‍डेंशियल इलाकों में बाहरी लोगों की आवाजाही बढ़ गई है.'

परेशानी इतनी ही नहीं है, एसोसिएशन के अध्यक्ष अलोक रंजन की मानें तो किराये पर रहने वाले कई स्टूडेंट्स कैंपस में ऐसी हरकतें करते पाए गए हैं जो ठीक नहीं है. सामाजिक मर्यादाओं के उल्लंघन से बच्चों पर बुरा असर पड़ने का हवाला देते हुए एसोसिएशन ने पूरी सोसाइटी में किसी भी छात्र को किराये पर मकान, कमरा या पीजी नहीं देने का फैसला किया है.

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नोटिस पर DUSU ने जताया कड़ा एतराज
मारा के इस फैसले पर डूसू ने कड़ा ऐतराज जताया है, डूसू अध्यक्ष सतेंद्र अवाना के मुताबिक DU में वैसे ही हॉस्टल्स की संख्या कम है, ऐसे में अगर छात्रों को रहने के लिए किराये पर भी रूम नहीं मिलेगा तो ये तमाम स्टूडेंट्स कहां जायेंगे. DUSU के मुताबिक वो पिछले कई सालों से दिल्ली रूम रेंट एक्ट को पूरी तरह लागू करने की मांग कर रहे हैं. 

दरअसल बाहर से आने वाले छात्रों को रूम रेंट एक्ट के अभाव में ज्यादा किराया देकर रहना पड़ता है. लेकिन अब जब कोई किराये पर मकान ही नहीं देगा तो छात्रों की मुश्किलें और बढ़ जायेगी. गौरतलब है कि डीयू में दाखिला पाने वाले अधिकतर छात्रों को हॉस्टल के अभाव में किराये के मकान में रहना पड़ता है.

डीयू और उसके कॉलेजों के पास 19 हॉस्टल हैं, जिनमें सीटों की कुल संख्या 3580 है. हॉस्टल में 15 फीसद सीटें एससी और 7.5 फीसद एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. जबकि ओबीसी वर्ग के लिए हॉस्टल की सीटों में कोई आरक्षण नहीं है. इसके अलावा दिव्यांग वर्ग के लिए भी तीन फीसद सीटें आरक्षित हैं. पिछले वर्ष डीयू में दाखिला लेने वाले छात्रों की कुल संख्या 78,626 थी. जबकि सभी कोर्स मिलाकर सीटों की कुल संख्या 74738 है.

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स्‍टूडेंट की पहली पसंद है मुख़र्जी नगर
सिर्फ डीयू ही नहीं बल्कि सिविल सर्विसेज और दूसरे कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्रों की पहली पसंद भी मुख़र्जी नगर और किंग्सवे कैंप जैसे इलाके हैं. ऐसे में एसोसिएशन का इस तरह का नोटिस वाकई छात्रों के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाला है. हालांकि इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि मुखर्जी नगर और उसके आसपास भारी तादाद में रूम किराये पर देने वाले मकान मालिक और छात्र दोनों ही कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं करते, जो कि रेंट पर देने के लिए बनाये गए हैं.

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