इन्होंने आठ साल की उम्र में मास्टर डिग्री के बराबर कई संस्कृत की परीक्षाएं पास कर ली थी. यही नहीं नौ साल की उम्र में इन्होंने अपने पिता की कंपनी की बैलेंस शीट में गलतियां सही करना शुरू कर दिया था. वहीं 10 साल की उम्र में ये वर्ल्ड मैमोरी चैंपियन बनें. यह कहानी है निश्चल नारायणम की.
निश्चल ने हाल ही में सीए का एग्जाम क्लियर किया है और वो चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा पास करने वाला देश का सबसे कम उम्र का उम्मीदवार बन गया है. हालांकि निश्चल को फिलहाल इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने एनरोल नही किया है. नियमों के मुताबिक 21 साल की उम्र से पहले आईसीएआई किसी उम्मीदवार को एनरोल नहीं करता है.
मैथ्य के इस जीनियस निश्चल नारायणम की रिकॉर्ड्स की लिस्ट यही खत्म नहीं होती है. निश्चल के नाम दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स भी दर्ज है. नौ साल की उम्र में निश्चल ने सिर्फ 12 मिनट में 225 रैंडम चीजें याद करके यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था.
निश्चल ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की एग्जामिनेशन और सीए का बेसिक लेवल एग्जाम भी क्वॉलीफाई कर लिया था. 15 साल की उम्र में उसने सीए का सेकेंड लेवल का एग्जाम पास कर दिखाया.
ये हैं निश्चल के रिकॉर्ड्स
1. यंगेस्ट वर्ल्ड मेमोरी चैंपियन की कैटेगरी में डबल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
2.नेशनल ज्योग्राफिकल चैनल के 7 ब्रिलिएंट ब्रैन ऑफ द वर्ल्ड की लिस्ट में शामिल
3. उस्मानिया यूनिवर्सिटी के 85 साल के इतिहास में सबसे कम उम्र का ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट
4. असाधारण अचीवमेंट के लिए नेशनल चाइल्ड अवॉर्ड विजेता (गोल्ड मेडल) 2008
डेलोएट इंटरनेशनल ऑडिट फर्म ने (जहां निश्चल ने अपनी आर्टिकलशिप पूरी की है ) इसकी प्रतिभा को पहचाना और उसे ग्लोबल कॉन्फ्रेंस इन शंघाई में स्पेशल स्पीकर के तौर पर बुलाया है. इस कॉन्फ्रेंस में 190 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं.