अभिभावकों और स्टूडेंट्स के एक वर्ग ने बी. कॉम सेलेबस में एडमिश्ान के लिए मैथ्स को अनिवार्य करने के दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैसले की आलोचना की है. वे इसे लागू करने से पहले कम से कम दो साल की छूट चाहते हैं.
सीबीएसई अध्यक्ष, डीयू के कुलपति और मानव संसाधन विकास मंत्री को लिखे अलग-अलग पत्रों में इन छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने इस मुद्दे पर उनके दखल की मांग की है. पिछले महीने डीयू ने अपनी दाखिला नीति में संशोधन करते हुए यह घोषणा की थी कि बी. कॉम (ऑनर्स) सेलेबस और इकोनॉमिक्स (ऑनर्स) सेलेबस में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए 12वीं में मैथ्स का होना जरूरी होगा.
डीयू ने कहा कि बी. कॉम पास सेलेबस के लिए यदि स्टूडेंट्स ने 12वीं में मैथ्स की पढ़ाई नहीं की है या अपने बेस्ट फोर फीसदी में इस विषय के नंबरों को शामिल नहीं किया है तो उसे 2.5 फीसदी का नुकसान होगा.
यूनिवर्सिटी ने यह भी कहा कि इन्फॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस को एक ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर नहीं माना जाएगा. सुब्रतो पार्क में एयर फोर्स स्कूल की प्रिंसिपल दीपिका सिंह ने सीबीएसई अध्यक्ष और डीयू वीसी को पत्र लिखकर कहा है, डीयू में दाखिला प्रक्रिया नियम में कोई भी बदलाव कम से कम दो साल की नोटिस के साथ किया जाना चाहिए ताकि दाखिला नियमों के उचित इस्तेमाल के लिए स्टूडेंट्स 11वीं में विषय का चुनाव करने में आसानी हो. बहरहाल, डीयू छात्र कल्याण के डीन जे. एम. खुराना ने कहा कि इस मुद्दे पर लंबे समय से चर्चा हुई और वरिष्ठ अधिकारियों वाली 23 सदस्यीय दाखिला समिति की सर्वसम्मति से ही यह फैसला लिया गया.
इनपुट: भाषा