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मेरठ की लड़की ने खोजा जीका वायरस से निपटने का रास्ता!

जीका वायरस से निपटने के लिए वैज्ञानिकों को पहली कामयाबी मिल गई है. आपको बता दें कि वैज्ञानिकों ने जीका वायरस की संरचना का पता लगा लिया है.

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Meerut Girl Part Of Zika Virus Decoding Team
Meerut Girl Part Of Zika Virus Decoding Team

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जीका वायरस से निपटने के लिए वैज्ञानिकों को पहली कामयाबी मिल गई है. वैज्ञानिकों ने जीका वायरस की संरचना का पता लगा लिया है. इन वैज्ञानिकों में भारत की शोधार्थी देविका सिरोई भी शामिल हैं.

29 साल की देविका परड्यू यूनिवर्सिटी की डॉक्टरल स्टूडेंट हैं. इनका जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में हुआ है. जीका वायरस की संरचना का पता लगाने वाले सात सदस्यों वाली टीम में वह सबसे छोटी उम्र की हैं. अपनी सफलता पर देविका का कहना है कि इस खोज के पीछे कठिन मेहनत का हाथ है. उन्होंने कहा कि वायरस का पता लगाने में उनकी टीम को महीनों लग गए. इस विषय पर रिसर्च करने के दौरान वो मुश्किल से ही कभी दो-तीन घंटों की नींद ले पाती थी.

उन्हें भरोसा है कि वायरस की संरचना का पता लग जाने के बाद इस बीमारी के इलाज के रास्ते भी निकल आएंगे. सिरोही बताती हैं, 'जब मैं अमेरिका आई थी तो यह नहीं पता था कि मुझे यहां इतनी बड़ी उपलब्धि मिलेगी. मुझे यहां अपने डॉक्टरल रिसर्च को शुरू किए पांच साल बीत चुके हैं. इस साल के अंत तक मैं अपना थीसेस जमा कर दूंगी. जीका की संरचना का पता लगाने की पूरी प्रक्रिया चुनौतियों से भरी थी. अब जब उसकी संरचना का पता चल गया है तो इसकी रोकथाम के रास्ते भी जरूर निकल आएंगे.'

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सिरोही ने अपनी स्कूलिंग मेरठ से पूरी की है. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री में ग्रेजुएशन और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई से मास्टर की डिग्री हासिल की है. सिरोही के माता-पिता डॉक्टर हैं और अपनी बेटी की सफलता से काफी खुश भी हैं.

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